यदि आप फिलहाल देश की राजधानी दिल्ली में है और आप गाड़ी चला रहे हैं तो आपको HSRP के बारे में जानना बहुत ही जरूरी है। वैसे तो HSRP के बारे में सभी को जानना बहुत ही आवश्यक है क्योंकि यदि आपकी गाड़ी में HSRP नम्बर प्लेट नहीं है तो आपकी गाड़ी का चालान काटा जा सकता है।
बहुत से लोग जो RTO (Regional Transport Office) से नम्बर प्लेट मिले होते हैं उसे निकाल कर कोई फैन्सी टाइप के नम्बर प्लेट लगवा लेते हैं लेकिन HSRP नम्बर प्लेट लग जाने पर आप दूसरा नम्बर प्लेट नहीं बदल सकते हैं। तो आइए जानते हैं HSRP के बारे में।
HSRP क्या है?
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HSRP एक होलोग्राम स्टीकर एवं बार कोड होता है या यह एक खास तरह का नम्बर प्लेट होता है, जिसे मिटाया नहीं जा सकता है। इसके साथ ही इस पर एक खास लेजर कोडेड नम्बर होता है। ये नम्बर प्रेशर मशीन से लिखा जाता है।
लेजर कोडेड के जरिए उस गाड़ी की सभी जानकारियाँ जुड़ी होती है जैसे गाड़ी का इंजन, चेसेस नम्बर, मालिक का नाम और पता, गाड़ी का रजिस्ट्रेशन की जानकारी। इस नम्बर प्लेट को लगाने का खास तरीका है और लगाने के बाद इसे निकालना काफी मुश्किल है। हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट वाहन सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखकर बनाई गई है।
HSRP का फुल फार्म क्या है ?
इसका फुल फार्म High Security Registration Plate है।
HSRP को गाड़ियों में लगाना क्यों जरूरी है ?
High Security Registration Plate को गाड़ियों में लगाना इसलिए जरूरी है क्योंकि यह हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट आपके वाहनों को ज्यादा से ज्यादा सुरक्षित बनाती है। यह नम्बर प्लेट एक क्रोमियम बेस्ड होलोग्राम है। इस नम्बर प्लेट पर गाड़ी का इंजन, चेसिस नम्बर होता है। हाई सिक्योरिटी नम्बर वाहन सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
प्लेट पर एक तरह का पिन का होता है जो आपके वाहन से जोड़ता है। ये पिन एक बार लग जाता है तो फिर किसी से नहीं खुलता है। हम देखते हैं कि वाहन चोरी हो जाने पर वाहन का नम्बर प्लेट बदल दिया जाता है जिसकी वजह से इसे ट्रैक कर पाना मुश्किल हो जाता है।
लेकिन हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट को लगाने के बाद इसे निकाल नहीं सकते हैं क्योंकि यह HSRP नम्बर प्लेट सिर्फ दो नान -रियूजेबल लॉक से ही लगाई जाती है। अगर यह लॉक टूट जाते हैं तो पता चलता है कि नम्बर प्लेट से छेड़छाड़ की गई है। इसकी हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट को रिप्लेस नहीं किया जा सकता है।
High Security Registration Plate प्लेट को कैसे पहचाना जा सकता है ?
HSRP नम्बर प्लेट 1 mm एल्युमिनियम की बनी होती है। इसके कार्नर राउन्डेड होते हैं जिससे कि किसी को चोट न पहुँचे। इस नम्बर प्लेट के अक्षर पर ब्लैक रंग की हाट स्टैम्पिंग हुई होती है। जिसमें INDIA लिखा होता है जो कि 45° के एंगल पर मेन्टेन किया गया है।
इसके बायें साइड में सेंटर में IND लिखा होता है और इसका रंग केवल नीला ही होता है। IND के ऊपर एक नीले रंग का अशोक चक्र का होलोग्राम होता है। यह एक क्रोमियम बेस्ड होलोग्राम होता है। यह 20 mm× 20mm साइज का होता है। यह कोई स्टीकर नहीं होता है।
IND के नीचे 10 अंकों का एक पिन नम्बर होता है जो कि हर गाड़ी के लिए अलग-अलग होता है। यह लेजर प्रिन्टेड होता है। इससे वाहन को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है।
इसका जो लॉक होता है यह एक स्क्रु नहीं होता है इसे स्नैपलाक कहा जाता है। ये रीबीड टाइप के बोल्ट होते हैं। ये अपने आप लॉक कर लेते हैं।
इनका साइज स्टैण्डर्ड होता है। दो पहियों का साइज 200×100 mm और 285×45 mm होता है। Light motor vehicles और cars का साइज 340×200mm और 500× 120 mm होता है और Heavy और Commercial vehicles का साइज 340×200 mm होता है।
DL (Driving License) बनवाने की पूरी प्रक्रिया-
HSRP(High Security Registration Plate) के लिए आवेदन किस तरह से करें ?
यदि आप भी हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो इसकी प्रक्रिया बहुत ही आसान है। इसके लिए आप अपने डीलर से सम्पर्क कर सकते हैं या फिर आनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं।
आनलाइन आवेदन के लिए www.bookmyhsrp.com वेबसाइट पर जाना होगा। आपको पता प्राइवेट वाहन और कामर्शियल वाहन के दो आप्शन दिखाई देंगें। इसके बाद Private vehicles और Commercial vehicles मे से एक को चुनना होगा। Private vehicles पर क्लिक करने पर Petrol, diesel, CNG Electric vehicles, CNG/LPG +Petrol का आप्शन चुनना होगा।
पेट्रोल टाइप के टैब पर क्लिक करने पर वाहनों की कैटेगरी खुलेगी। इसमें बाइक, कार,स्कूटर, आटो और भारी वाहनों जैसे आप्शन दिये होंगे। इसमें आपको स्टेप बाइ स्टेप जानकारी देनी होगी।
पूरी जानकारी देने के बाद नम्बर प्लेट बुक होगी, जिसका SMS आएगा। जिसके बाद आपको अपनी नम्बर प्लेट प्राप्त करने के लिए एक तारीख और समय मिलेगा और आपको उस तारीख में डीलर के पास हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगा दी जाएगी।
इसके अलावा यदि गाड़ी में रजिस्ट्रेशन प्लेट लगी हुई है और सिर्फ स्टीकर लगवाना है तो www.bookmyhsrp.com पोर्टल पर जाना होगा और बुकिंग करनी होगी और तय रकम देनी होगी जिसके बाद इसे किसी कार डीलर या वर्कशॉप पर लगाया जा सकता है।
जब भी आप आनलाइन अप्लाई करने जा रहे हैं HSRP प्लेट के लिए साथ ही साथ स्टीकर के लिए तो आपको अपनी गाड़ी के जितने भी डाकुमेंन्ट्स हैं यानी कि गाड़ी का इंजन नम्बर,चेसिस नम्बर, उसका रजिस्ट्रेशन नम्बर और आगे पीछे की जो नम्बर प्लेट होती है उसमें भी एक कोड लिखा होता है, उसकी फोटोग्राफस आपके पास होनी चाहिए।
HSRP नम्बर प्लेट लगवाने के लिए कितने रुपये देने पड़ते हैं ?
High Security Registration Plate लगवाने के लिए दो पहिया वाहनों पर 300-400 रुपये और चार पहिया वाहनों पर 600-1100 रुपये में आसानी से लगवाया जा सकता है। वहीं पर colour coded sticker को 100 रुपये में इन्सटॉल करवाया जा सकता है।
किस वाहन पर कौन सी रंग का स्टीकर लगाये जाएंगे ?
पेट्रोल और CNG गाड़ियों के लिए हल्का नीला रंग (light blue colour) तय किया गया है।
डीजल से चलने वाले गाड़ियों के लिए नारंगी रंग (Orange colour) तय किया गया है।
यदि प्राइवेट कार है तो सफेद रंग पर काले रंग में नम्बर होगा। वहीं अगर कामर्शियल गाड़ी है तो उसके लिए पीले रंग के प्लेट पर काले रंग में नम्बर होगा। इसके अलावा इलेक्ट्रिक या हैवी कार के लिए ये हरे रंग का होगा। इसका मकसद वाहनों को दूर से ही पहचानना है।
HSRP नम्बर प्लेट लगवाने के क्या फायदे हैं ?
1.HSRP नम्बर प्लेट में गाड़ी का इंजन और चेसेस नम्बर इसके साथ सेंट्रलाइज्ड डेटाबेस मे सेव रहता है जिसे डेटा और 10 अंकों के पिन के जरिए चोरी हुई गाड़ी को पहचाना जा सकता है।
2.पुलिसकर्मी और परिवहन कर्मचारी मोबाइल में एक साफ्टवेयर से जाँच के दौरान प्लेट का फोटो लेने पर वाहन की पूरी जानकारी हासिल कर सकते हैं।
3.इस नम्बर प्लेट पर 10अंकों का एक खास पिन होता है जिसे लेजर से बनाया जाता है जो गाड़ी की सुरक्षा को और मजबूती देता है।
4.HSRP एक तरीके का प्रमाण है गाड़ी का कि ये रजिस्ट्रेशन प्लेट इसी गाड़ी की है। ये यूनिक नम्बर के द्वारा पता चल सकता है कि ये गाड़ी की रजिस्ट्रेशन प्लेट है या नहीं।
5.HSRP नम्बर प्लेट प्रकाश में काफी रिफलेक्ट करती है। अंधेरे में भी आपको पता चल जाएगा कि कोई गाड़ी या बाइक खड़ी है क्योंकि ये नम्बर प्लेट आसानी से प्रकाश पड़ने पर चमक जाती है।
6.HSRP प्लेट यदि हर एक गाड़ी में लग जाए तो थोड़े से क्राइम और चोरी कम हो सकता है।
आपको बता दें कि दिल्ली में 2012 से HSRP लगायी जा रही है लेकिन colour coded sticker 2 Oct. 2018 से सभी नये वाहनों में लगाये जा रहे है ।
दोस्तों आज इस पोस्ट में HSRP (High Security Registration Plate) के बारें में पूरी जानकारी दी गयी यह जानकारी पसंद आये तो अपने दोस्तों में शेयर जरुर करें । धन्यवाद
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