कोरोना वायरस से अभी मुक्ति नहीं मिली कि बर्ड फ्लू (Bird flu) ने एक बार फिर दस्तक दे दिया है। कोरोना काल के बीच में बर्ड फ्लू का आना बहुत ही खतरनाक है। क्योंकि इससे संक्रमित लोगों में कोरोना से ज्याद मृत्यु दर होती है जबकि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की मृत्यु दर बहुत ही कम है।
आज हम इस पोस्ट में बर्ड फ्लू (Bird flu)के बारे में बताएंगे कि बर्ड फ्लू क्या है ? बर्ड फ्लू सबसे पहले कब और कैसे आया? यह कैसे फैलता है ? इसके लक्षण क्या है? बर्ड फ्लू से कैसे बचें? तो आइये जानते हैं बर्ड फ्लू (Bird flu) के बारे में।
बर्ड फ्लू (Bird Flu) क्या है ?
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Bird flu के नाम से पहचाने जाने वाली ये बीमारी एवियन एन्फ्लूएंजा (Avian Influenza) वायरस H5N1 के कारण होती है। यह एक वायरल संक्रमण (viral disease) है । यह न केवल पक्षियों को संक्रमित करता है बल्कि इन्सानों और जानवरों को भी संक्रमित करता है। इस वायरस की चपेट में आकर पक्षी तो मर ही जाते हैं और साथ ही ये इन्सानों के लिए बहुत ही खतरनाक है। इससे जान जाने का भी खतरा है।
बर्ड फ्लू पक्षियों के जरिए ही इन्सानों में फैलता है। इन वायरसों को HPAI (Highly Pathogenic Avian Influenza) कहा जाता है। इसमें सबसे ज्यादा खतरनाक जो होता है वह H5N1 वायरस होता है। वैसे तो Bird flu कई तरह के होते हैं लेकिन H5N1 पहला ऐसा एन्फ्लूएंजा वायरस है जो इन्सानों को संक्रमित करता है।
यह वायरस बहुत तेजी से फैलता है। यह वायरस Poultry birds जैसे चिकेन, टर्की इनके ऊपर इनका असर ज्यादा होता है। मोर और बत्तख में तेजी से फैलता है। इंसानों में बर्ड फ्लू का वायरस आँख, नाक और मुँह से प्रवेश करता है।
बर्ड फ्लू (Bird flu) सबसे पहले कब आया ?
Bird flu सबसे पहले 1997 में हांगकांग में आया था। हांगकांग में इस वायरस से 18 लोग संक्रमित हुए और उसमें से 6 लोग की मृत्यु हो गई थी।
बर्ड फ्लू(Bird flu) के क्या लक्षण हैं ?
Bird flu लक्षण सामान्य फ्लू की लक्षण की तरह ही लगते हैं। Bird flu होने पर बुखार, बैचेनी की शिकायत, खाँसी, गले में दर्द और जलन की शिकायत हो सकती हैं। माँसपेशियों में दर्द, उल्टियाँ, डायरिया और पेट दर्द की शिकायत, सिरदर्द, जोड़ो में दर्द, थकान, नाक बहना भी लक्षण हो सकता हैं।
नींद न आना और आँखों में कंजक्टिवाइटिस जैसे लक्षण दिख सकते हैं। गले में सूजन, साँस लेने में परेशानी होती है।
बर्ड फ्लू से संक्रमित होने के बाद किसी व्यक्ति में इसके लक्षण 2 से 8 दिनों में दिखने लगते हैं।
बर्ड फ्लू(Bird flu) कैसे फैलता है ?
हर साल सर्दियों में प्रवासी पक्षी भारत आते हैं और इन्हीं में से कुछ में H5N1 वायरस होता है। इसके कारण Poultry चिकेन, टर्की बर्ड हैं इनमें फैल जाता है। फिर सुअरों, घोड़ों, बिल्लियों, कुत्तों पर भी ये वायरस आ जाता है।
Bird flu पक्षियों के जरिए ही इन्सानों में फैलता है। कुछ बर्ड जैसे duck, geese इनके अंदर Influenza वायरस हमेशा मौजूद रहता है। इनके अंदर ये फ्लू होता है लेकिन कभी भी इनको खुद को ये बीमारी नहीं होती है।
लेकिन इनके मल,लार,आँखों से निकलने वाले पानी के सम्पर्क में कोई आ जाता है तो उसे बर्ड फ्लू हो जाता है।
कच्चा और अधपका मुर्गा और अण्डा खाने पर भी बर्ड फ्लू इन्सानों में हो सकता है।
संक्रमित मरीजों की देखभाल करने से बर्ड फ्लू हो सकता है। यह इंसानों में आँख, नाक और मुँह से प्रवेश करता है। संक्रमित पक्षियों के मल और लार में H5N1 वायरस 10 दिनों तक जिन्दा रहता है।
Birds name (पक्षियों के नाम) in Hindi and English –
भारत में वर्तमान समय में बर्ड फ्लू के मामले राजस्थान से लेकर मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और केरल तक में देखे गए हैं। राजस्थान और मध्य प्रदेश में जहां इसके संक्रमण से कौओं की मौत हुई है, तो वहीं हिमाचल प्रदेश में प्रवासी पक्षियों और केरल में बत्तखें इसका शिकार बनीं हैं।
हालांकि मुर्गियों में अभी इसके संक्रमण का पता नहीं चला है, लेकिन पशुपालन विभाग ने मुर्गियों में इसके संक्रमण से इंकार नहीं कर रहा है। इससे संभावित खतरे से निपटने के लिए सारे राज्य सतर्क है ।
बर्ड फ्लू(Bird flu) से कैसे बचें ?
1.कच्चा या अधपका अण्डा न खाएँ। आप अण्डे को अच्छी तरह से उबालिए या उसे अच्छी तरह से पकाइये तभी आप खा सकते हैं।
WHO विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 60- 70 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर पकाकर खाने से इस वायरस का संक्रमण नहीं होगा।
2.चिकेन या नानवेज खाने से बचें। यदि आप चिकेन खाना चाहते हैं तो इसे पूरी तरह से पकाकर खाएं। कच्चा चिकेन खाने से बचें। कच्चा चिकेन खाने से आप संक्रमित हो सकते हैं।
3.चिड़ियों और कबतूरों को दाना खिलाने से बचें। बर्ड फ्लू से बचने के लिए संक्रमित पक्षियों से दूर रहें।
4.मरे हुए पक्षियों के पास बिल्कुल न जाए।
5.जहाँ संक्रमण का खतरा हो वहाँ न जाएं।मास्क का इस्तेमाल अवश्य करें।
6.साफ -सफाई का पूरा ध्यान रखें।
7.यदि कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें।
8.संक्रमित पक्षियों से दूषित पानी में नहाने, तैरने पर भी बर्ड फ्लू का संक्रमण हो सकता है।
बर्ड फ्लू(Bird flu) में मृत्यु दर –
WHO के अनुसार बर्ड फ्लू का इन्फेक्शन एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुँचना मुश्किल है लेकिन ये वायरस जानलेवा है। इस वायरस से संक्रमित लोगों की मृत्यु-दर 60% तक होती है। वहीं हम लोग देखे कि कोरोना वायरस के कारण संक्रमित लोगों की मृत्यु-दर 3% हैं।
इसका मतलब हुआ कि Bird flu इंसानों के लिए कोरोना वायरस से अधिक खतरनाक है।
दोस्तों आज इस पोस्ट में Bird flu के बारें में पूरी जानकारी दी गयी यदि आप चिकेन और अन्य पक्षियों के मांस खाना पसंद करते है हो उसे अच्छी तरह से (60-70 डिग्री तापमान पर) पकाकर खा सकते है । दोस्तों यह जानकारी पसंद आये तो अपने दोस्तों में शेयर जरुर करें । धन्यवाद
आपके द्वार दी गई जानकारी बहुत अच्छी होती है। ऐसे ही नए नए जानकारी देते रहे।
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