आज के इस आधुनिक युग में नये-नये प्रकार की तेज रफ्तार वाली गाड़ियां बाजारों में देखने को मिलती हैं और लोगों द्वारा काफी पसंद भी किया जाता है। लोग शौक से रफ्तार का अनुभव लेते हैं। अतः इस रफ्तार की शौक में दुर्घटना का खतरा भी बहुत रहता है। अतः ABS की संकल्पना इस दुर्घटना को काफी हद तक नियत्रित कर सकता है।
आज हम इस पोस्ट में एबीएस के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। इस पोस्ट में ABS क्या है, ABS का इतिहास क्या है, ABS कैसे कार्य करता है, ABS कितने प्रकार का होता है, कार और बाइक में ABS का प्रयोग, ABS के क्या लाभ है। तो आइए जानते हैं ABS के बारे में ।
ABS क्या होता है ? ABS का full form ?
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ABS का पूरा नाम एन्टी-लाक ब्रेकिंग सिस्टम (Anti-lock Braking system) होता है। इसे एन्टी-स्कीड ब्रेकिंग सिस्टम( Anti -skid Braking system ) के नाम से भी जाना जाता है। ABS का पर्याय एक सुरक्षित नियंत्रण और सुरक्षित ड्राइविंग के रूप में देखा जाता है। जब हम ड्राइविंग करते समय अचानक गाड़ी को रोकने का प्रयास करते हैं तो उसके दौरान एबीएस पहियों को रोकता है और फिसलने से बचाता है। इसके साथ यह सिस्टम सुविधा देता है कि पहियों को सड़क के साथ कनेक्ट में रहे।
ABS का इतिहास –
सर्वप्रथम Anti -lock Braking system का नाम सन् 1929 में एअरक्राफ्ट (aircraft) के डिजाइन के लिए अस्तित्व में आया। लेकिन कालांतर में सन् 1966 के आस – पास कार में इसका प्रयोग किया गया। सन् 1980 में इस सिस्टम को कारों में लगाया जाने लगा था।
कार एवं बाइक में ABS का प्रयोग –
वर्तमान समय में आज लगभग अच्छे कारों में इस एबीएस का प्रयोग देखने को मिलता है।
एबीएस का सबसे बड़ा लाभ यह है कि आपकी गाड़ी स्पीड में हो ,और आपको गाड़ी के आगे कोई व्यक्ति दिख जाए तो आपको अचानक ब्रेक लगाना पड़े तो आपकी कार या गाड़ी कभी फिसलेगी नहीं और गाड़ी पर ड्राइवर का नियंत्रण रहता है और गाड़ी दिशा बदलती हुई रुक जाती है।
ABS प्रणाली बाइक हो या कार दोनों के लिए उपयोगी है। इसके उपयोग से वाहन दुर्घटना को काफी हद तक कम किया जा सकता है और सड़क पर यातायात को सुरक्षित बनाता है। आने वाले समय में सभी गाड़ियों में यह प्रणाली अनिवार्य रूप से लागू कर दी जाएगी.
ABS कैसे कार्य करता है ? How ABS Works?
एबीएस में कई तरह के कम्पोनेंट्स को मिलाकर बनाया जाता है। यह एक प्रणाली की तरह कार्य करता है। इसमें लगा सेंसर आपकी गाड़ी के पहियों की निगरानी करता है और उससे प्राप्त डाटा को नियंत्रित इकाई के पास भेजता है। इस प्रक्रिया में कुल चार तत्व होते हैं ,जो निम्न हैं –
1.Speed meter (स्पीड मीटर)– इसका कार्य गाड़ी के पहियों की निगरानी करना है और उसकी गति की जाँच करता है।
2.Valve (वाल्व)-जब एबीएस क्रियाशील होता है, तब वाल्व का बस एक ही काम है – ब्रेक में एअर प्रेशर को रेगुलेट करना। प्रत्येक ब्रेक वाल्व से जुड़े रहते हैं। यह मुख्यतः प्रेशर को नियंत्रित या कम करने के लिए किया जाता है।
3.Electronic control unit (इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट)– इस कम्पोनेन्ट का कार्य ड्राइवर के ब्रेक दबाने के बाद होने वाली पूरी क्रिया को नियंत्रित करता है, तथा फिसलन वाली जगहों पर कम से कम फिसले।
4.Hydraulic control unit (हाइड्रोलिक कंट्रोल यूनिट) – इसकी की सक्रिय स्थिति में hydraulic control unit, electronic control unit से सिग्नल प्राप्त करता है और उसकी आवश्यकता अनुसार कभी-कभी ब्रेक को मुक्त करता है और कभी-कभी ब्रेक पर दबाव बनाता है। सामान्यतः इसका प्रयोग पम्प को हाइड्रोलिक ब्रेक्स पर प्रेशर बनाने के लिए किया जाता है।
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ABS के प्रकार- Types of ABS
ABS का इस्तेमाल में प्रयोग किए गए सेंसरों की संख्या और ब्रेक के प्रकार के हिसाब से वर्गीकृत किया गया है। ब्रेक को चैनल की संख्या के हिसाब से अलग-अलग बाँटा गया है।
चार चैनल चार सेंसर ABS –
इस प्रकार के एबीएस प्रणाली में हर पहिए के सेंसर और वाल्व लगे होते हैं। जिससे अधिकतम ब्रेकिंग बल के साथ कन्ट्रोलर इन सेंसर की मदद से पहियों की निगरानी करता है।
तीन चैनल तीन सेंसर ABS –
इस तरह के सिस्टम का प्रयोग ट्रक में किया जाता है। इसमें आगे दो सेंसर तथा पीछे की ओर एक सेंसर का प्रयोग किया जाता है।
वैसे तो दो चैनल और एक चैनल एबीएस उतने अच्छे नहीं होते हैं।
Advantages of ABS-
1.कार को दुर्घटना के दौरान स्टैरिंग को आसानी से कंट्रोल कर सकते हैं।
2.दुर्घटना होने से पहले गाड़ी पर नियंत्रण कर सकते हैं।
3.गाड़ी में फिसलने की सम्भावना ना मात्र की होती है।
4.ब्रेक आपके नियंत्रण में रहते हैं।
5.एबीएस सिस्टम वाले गाड़ी किसी वस्तु से टकराने के पूर्व ही एक दूरी पर रुक जाती है और उसकी दिशा बदल जाती है।
6.दुर्घटना के दौरान ब्रेक लगाने से गाड़ी के पहिए कभी लाक नहीं होते हैं।
7.इस तकनीकी का एक जीवन रक्षा के रूप में प्रयोग किया जाता है।
आज हम इस पोस्ट में बताए कि ABS क्या होता है, इसका क्या कार्य होता है, यह कितने प्रकार का होता है, इसके क्या लाभ हैं । उम्मीद है यह पोस्ट आपको पसंद आयी होगी।