हेलो दोस्तों, हमारे ब्लॉग में आपका स्वागत है। आज हम इस पोस्ट में बताएंगे कि म्युचुअल फंड( mutual fund) क्या होता है, म्युचुअल फंड में निवेश(Investment in Mutual Funds ) की जरूरत क्यों है, म्युचुअल फंड में निवेश की शुरुआत कैसे करें, म्युचुअल फंड में निवेश करने के लिए किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए, म्युचुअल फंड कितने तरह का होता है, इसके फायदे (Benefits of Mutual Funds )और नुकसान क्या है ,तो आइये जानते हैं म्युचुअल फंड के बारे में।
म्युचुअल फंड (mutual fund) क्या होता है ? What is Mutual Funds?
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म्युचुअल फंड (mutual fund) शब्दों से मिलकर बना है , Mutual और Fund |
Mutual का हिन्दी अर्थ होता है- आपसी, पारस्परिक या मिला-जुला और Fund का हिन्दी अर्थ होता है -पैसा, और इस तरह mutual fund का अर्थ होता है- एक साथ बहुत सारे लोगों का इकट्ठा किया गया पारस्परिक Fund।
म्युचुअल फंड एक ऐसा इन्वेस्टमेंट है,जिसमें बहुत सारे लोगों के पैसे को मिलाकर, एक साथ इकट्ठा करके एक बड़ा फण्ड तैयार किया जाता है।
या
म्युचुअल फंड एक प्रकार का सामूहिक निवेश होता है। इसमें बहुत सारे लोग मिलकर एक पूल बनाकर पैसा इकट्ठा करते हैं। इस पैसे को एक फंड हाउस को दे दिया जाता है। फंड मैनेजर्स पैसे को अलग-अलग कम्पनियों के शेयरों में लगाते हैं। फंड मैनेजर्स शेयर बाजार में एक्सपर्ट होते हैं। ये अच्छा परफार्म करने वाली कम्पनियों में निवेश करते हैं। ये फंड मैनेजर्स इस पैसे को मैनेज करने के लिए सलाना 2-2.5% फीस भी लेते हैं।
म्युचुअल फंड के शेयर की कीमत नेट ऐसेट वैल्यू (NAV-Net asset value) कहलाती हैं। इसकी गणना करने के लिए फंड के कुल मूल्य को निवेशकों द्वारा खरीदे गए कुल शेयरों की संख्या से भाग दिया जाता है।
म्युचुअल फंड (mutual funds ) में निवेश की जरूरत क्यों है ? क्या म्यूच्यूअल फंड्स में इन्वेस्टमेंट करना चाहिए ?
1.आम निवेशकों के लिए शेयर बाजार में निवेश का आसान तरीका होता है।
2.म्युचुअल फंड के जरिए निवेश ज्यादा सुरक्षित होता है।
3.जोखिम को कम करने के लिए पैसे को अलग-अलग सेक्टर में लगाते हैं।
4.मँहगाई दर को मात देने के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश जरूरी होता है।
5.म्युचुअल फंड में निवेश करने के लिए प्रोफेशनल फंड का लाभ मिल जाता है।
6.इसमें निवेश करने के लिए बहुत कम पैसों की आवश्यकता होती है।
7.म्युचुअल फंड में निवेश को कैश करना बहुत ही आसान है।
म्युचुअल फंड में निवेश करने के लिए किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए ?
1.आप निवेश की रकम तय करें।
2.निवेश की अवधि तय करें।
3.आपको अवधि के मुताबिक फंड लेने चाहिए। छोटी अवधि के लिए डेट फंड या लिक्विड फंड लेने चाहिए तथा लम्बी अवधि के लिए इक्विटी फंड लेने चाहिए।
4.निवेश का मकसद (Aim) तय करना चाहिए।
5.फंड का ट्रैक रीकार्ड देखना जरूरी होता है।
6.आप ऐसा फंड चुने, जिसमें बहुत उतार -चढ़ाव न हो।
म्युचुअल फंड (mutual funds) में निवेश की शुरुआत कैसे करें ?
आप आनलाइन /आफलाइन से म्युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। आनलाइन निवेश AMC (Asset management company)के जरिए म्युचुअल फंड में किया जाता है तथा आफलाइन निवेश किसी बैंक, ब्रोकरेज हाउस के पास जाकर एप्लीकेशन देकर किया जाता है।
आनलाइन निवेश में किसी बैंक या AMC की साइट पर जाकर खुद को रजिस्टर्ड करते हैं। उसमे जरूरी जानकारियां भरते हैं, फोलियो नंबर, मोबाइल नंबर, ई-मेल । उसके बाद यूजर आईडी, पासवर्ड मिल जाता है और आप लाग इन(log in) करके निवेश कर सकते हैं।
आफलाइन निवेश करने के लिए आप किसी एजेंट या डिस्ट्रिब्यूटर से सम्पर्क करते हैं। उसके बाद एप्लीकेशन फार्म भरते हैं। फार्म भरकर जरूरी कागजातों के साथ एजेंट को सौप देते हैं।उसके बाद म्युचुअल फंड्स कम्पनी आपको एक स्टेटमेंट देती है।
म्युचुअल फंड्स में निवेश SIP (Systematic Investment Plan) के जरिये भी कर सकते हैं। इसमें हर महीने कुछ पैसा म्युचुअल फंड में लगाते हैं। आप कम से कम 1000 रुपये से SIP शुरू कर सकते हैं। जितने भी नये निवेशक है वे सिप ( SIP ) के जरिये निवेश शुरू कर सकते हैं।
म्युचुअल फंड (Mutual fund) कितने तरह के होते हैं ? Types of Mutual Fund?
1.Equity funds – इस फंड में रिस्क ज्यादा होता है। इसका रिटर्न सबसे ज्यादा होता है। इसमें शेयर बाजार में निवेश होता है।
2.Debt funds – इस फंड में इक्विटी फंड के मुकाबले कम रिस्क होता है। इसमें इक्विटी फंड के मुकाबले कम रिटर्न मिलता है। उन निवेशकों के लिए यह फंड अच्छा है जो स्थायी इनकम चाहते हैं। इ, फंड में डिवेन्चर ,सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश होता है।
3. Open-ended Funds- इसकी कोई फिक्स्ड मैच्योरिटी डेट (fixed maturity date) नहीं होती है। इसमें यूनिट को कभी भी खरीद या बेंच सकते हैं। इस फंड में लिक्विडिटी रहती है। कुछ ओपन इंडेड फंड में लाक इन पीरियड होता है।
4.Closed – ended funds – इसमें निवेश सिर्फ NFO में कर सकते हैं। आप इसमें बीच में न तो निवेश कर सकते हैं न पैसा निकाल सकते हैं। आप मैच्योरिटी के पहले पैसा नहीं निकाल सकते हैं। इसमें मैच्योरिटी तिथि पहले से तय होती है।
5.Balanced funds- इस फंड में ग्रोथ और रकम दोनों ही मिलता है। फंड को equity और debt दोनों स्कीम्स में लगाया जाता है। इसमें पहले से ही तय होता है कि किसमें कितना फंड निवेश होगा।
6.Money market fund – यह फंड सुरक्षित होता है। इस फंड में अन्य म्युचुअल फंड की तुलना में कम रिटर्न प्राप्त होता है। यह फंड उन लोगों के लिए है जो कि तुरंत फायदा चाहते हैं।
7.Guilt fund – यह फंड सबसे सुरक्षित फंड माना गया है । इसमें कम्पनी निवेशकों से लिया हुआ पैसा सरकार, सरकारी योजनाओं में लगाती है। इसमें सरकार का बैकअप रहता है, इसलिए पैसा डुबने का खतरा नहीं रहता है।
8.Liquid fund – इस फंड के अन्तर्गत पैसा मुख्य रूप से अल्पकालिक साधनों में निवेश किया जाता है। यह फंड कम समय के निवेश पर अच्छा रिटर्न देने के लिए जाना जाता है।
म्युचुअल फंड (mutual fund) के फायदे क्या है ? Benefits of Mutual Fund?
1.म्युचुअल फंड में पैसे को अलग-अलग कम्पनियों में लगाते है ,जैसे अलग- अलग स्टाक और बान्ड्स में आपके पैसे को निवेश किया जाता है। इससे यह फायदा होता है कि अगर किसी एक कम्पनी में लगा हुआ पैसा डूब जाए तो बाकी जगह से हुआ लिभ प्राप्त हो जाता है।
2.म्युचुअल फंड में निवेश पर आपको आयकर (income tax) की छुट मिल जाती है।
3. भारत में जितने बड़े बैंक और कम्पनियां हैं, उनके म्युचुअल फंड्स होते हैं, जिनमें आप आसानी से पैसे निवेश कर सकते हैं।
4.म्युचुअल फंड्स कम्पनी सभी निवेशकों के निवेश राशि को लेकर इकट्ठे करती है और उनसे कुछ सुविधा शुल्क भी लेती है। उसके बाद इस राशि को उनके लिए बाजार में निवेश करती है। इससे निवेशक को खरीदने या बेचने की चिंता करने की जरुरत नहीं होती है क्योंकि यह चिंता फंड मैनेजर की होती है।
5.छोटे निवेशक बहुत कम राशि जैसे 500 या 1000 रुपये प्रतिमाह तक निवेश कर सकते हैं।
6.शेयर बाजार की पर्याप्त जानकारी नहीं होने पर भी निवेश की इच्छा रखने वालों के लिए एक अच्छा मार्ग म्युचुअल फंड होता है।
7.म्युचुअल फंड में निवेश पैसे को आप आसानी से निकाल सकते हैं। सिर्फ EL SS mutual funds स्कीम में जमा पैसा आपको 3 साल तक लाक इन पीरियड इन्तजार करना पड़ सकता है।
8.अधिकतर मामलों में म्युचुअल फंड से निकाला हुआ पैसा 2 -3 दिन के अन्दर आपके बैंक अकाउंट में जमा हो जाता है, यानि कि आपको म्युचुअल फंड में जमा पैसे निकालने में बहुत कम समय लगता है।
9. आप अपने पैसे को लक्ष्यों और जरूरत के अनुसार म्युचुअल फंड्स का चुनाव कर सकते हैं। आज मार्केट में लोगों के जरुरतों के अनुसार 2000 से अधिक म्युचुअल फंड स्कीम उपलब्ध है। इस तरह म्युचुअल फंड में आप अपने जरुरतों और फाइनेंशियल गोल्स के अनुसार एक बेहतरीन म्युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं।
म्युचुअल फंड (mutual fund) के नुकसान क्या है ?
1.म्युचुअल फंड में रिटर्न की गारंटी नहीं होती है, क्योंकि पोर्टफोलियो का हिस्सा बनने वाला प्रत्येक एक निश्चित तत्व को वहन करता है तथा इसके रिटर्न बाजार से जुड़े होते हैं।
2.कुछ म्युचुअल फंड में जैसे – close-ended , ELSS लाक इन अवधि (Lock -in-period) होता है। इस कारण आप आवश्यकता पड़ने पर धन का उपयोग नहीं कर सकते हैं।
3. म्युचुअल फंड आपके फंड को मैनेज करने के लिए चार्ज करती है। कुछ म्युचुअल फंड स्कीम को मैनेज करने की लागत काफी अधिक होती है।
4.म्युचुअल फंड में पैसा निवेश करने से रिस्क रहता है। अगर आप म्युचुअल फंड के एक ही सेक्टर में पैसा निवेश किए हैं तो जब कम्पनी को नुकसान होगा तो आपको भी नुकसान होगा, इसलिए इसमें पैसा निवेश करने का रिस्क भी रहता है।
Sir mutual fund me minimum kitna rupiya kare??
Agar pehlibaar Kar rhe toh kitna paisa sahi rahega
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