मिशन शक्ति क्या है ? What is Mission Shakti in Hindi?

हेलो दोस्तों, हमारे ब्लॉग में आपका स्वागत है। आज हम मिशन शक्ति के बारे में बताएंगे। क्योंकि आज के युग में और आने वाले भविष्य में इसका बहुत ही महत्व है। विश्व के लगभग सभी देशों में अंतरिक्ष और सेटेलाइट या उपग्रह के महत्व बढ़ते जा रहे हैं। ‘मिशन शक्ति’ हमारे देश की अंतरिक्ष सुरक्षा में उठाया गया एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रकार भारत दुनिया में अंतरिक्ष महाशक्ति के तौर पर अमेरिका,रूस, और चीन के साथ अपना भी स्थान बना लिया है। तो आइये जानते है मिशन शक्ति के बारे में।

मिशन शक्ति क्या है ? What is Mission Shakti in Hindi?

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भारत में एक एंटी सेटेलाइट मिसाइल लांच किया गया जिसका नाम ‘मिशन शक्ति’ दिया गया। मिशन शक्ति एक एंटी सेटेलाइट परीक्षण है जिसके द्वारा यह अपने दुश्मन देशों के ( LEO-Low Earth Orbit)लो अर्थ आर्बिट में सेटेलाइट को अंतरिक्ष में मार गिराया जा सकता है।

लो अर्थ आर्बिट पृथ्वी के पास वाली कक्षा होती है।अगर देखा जाए तो अधिकतर सेटेलाइट पृथ्वी से 2000 किलोमीटर में स्थापित किये जाते हैं।जैसे -संचार, मौसम, रक्षा-सुरक्षा, शिक्षा इत्यादि।

मिशन शक्ति का इतिहास – History of Mission Shakti

मिशन शक्ति या एन्टी -सेटेलाइट के शुरुआत की बात की जाए तो अमेरिका का नाम प्रथम आता है। अमेरिका ने सन् 1959 ई. में इसका परीक्षण किया था।कुछ समय पश्चात इसका परीक्षण सोवियत यूनियन(रूस) ने सन् 1960 में किया।पुनः परीक्षण सन् 1970 में किया।रूस ने ऐसे हथियार भी लांच किये जो आर्बिट में लांच किया जा सकता था।और दुश्मन देश के सेटेलाइट को आसानी से मार गिरा सकता था।

पुनः अमेरिका ने सन् 1985 ई. में F -15 फाइटर जेट  से एजीएम -135 का परीक्षण किया और वह उपग्रह सोलविंड पी 78-1 को मार गिराया।

इसके पश्चात लगभग दो दशकों तक इस क्षेत्र में कोई अन्य देश ने कार्य नहीं किया।आगे चलकर चीन ने सन् 2007 में परीक्षण के दौरान अपने मौसम सम्बन्धी सूचना प्रदान करने वाले लो अर्थ आर्बिट 800 किलोमीटर दूर स्थित सेटेलाइट को तबाह कर इसका सफल परीक्षण किया।

इसके कुछ ही समय पश्चात सन् 2008 में अमेरिका ने आपरेशन बंर्ट को अंजाम दिया।इसमें पानी के जहाज पर SM -3 मिसाइल द्वारा खुफिया जानकारी मुहैया कराने वाली सेटेलाइट को मार गिराया।

इसके बाद भारत एक ऐसा करने वाला चौथा देश बना जिसने लो अर्थ आर्बिट में 300 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक लाइव सेटेलाइट(A- Sat)को मिसाइल द्वारा 3 मिनट में  तबाह कर 27 मार्च 2019 को यह उपलब्धि हासिल की।और इस तरह भारत का अंतरिक्ष सुरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है।यह DRDO (Defence Research and Development Organization)के वैज्ञानिकों की बहुत बड़ी उपलब्धि है।यह परीक्षण किसी अंतरराष्ट्रीय नियम का उल्लंघन भी नहीं करती है।

यह कैसे काम करता है ?

इस मिसाइल सिस्टम में बारुद का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि यह एंटी मिसाइल सिस्टम से अलग है जो लक्ष्य से टकराने के बाद ब्लास्ट होता है।वहीं इसके एंटी सेटेलाइट मिसाइल काइनेटिक किल मैकेनिज्म पर कार्य करता है।इसके वारहेड पर एक मेटल स्ट्रीप होता है। सेटेलाइट के ऊपर मेटल का गोला गिर जाता है और वह उसे गिरा देता है।

चीन ने यह शक्ति 2007 में हासिल करने के उपरांत इसको अन्य देश हासिल न कर सके उसके लिए बैन की वकालत की थी।

मिशन शक्ति के महत्व –

मिशन शक्ति के महत्व पर प्रकाश डालने के पहले आपको अंतरिक्ष की उपयोगिता को समझना होगा।अंतरिक्ष आज हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है।आज सभी देशों के पास पर्याप्त उपग्रह है जो अंतरिक्ष में उपलब्ध है।जो अलग – अलग क्षेत्रों के विकास में अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं।जैसे -कृषि, रक्षा-सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, मौसम,संचार, नेविगेशन, शिक्षा आदि।

भारत देश द्वारा छोड़े गए उपग्रहों से किसानों, सुरक्षा, मौसमों, जहाजों के परिचालन व रेलवे में इसका उपयोग होता है। विश्व में अंतरिक्ष और सैटेलाइट का महत्व बढ़ता जा रहा है अतः इसकी सुरक्षा को पुख्ता करना उतना ही महत्वपूर्ण है। इस सुरक्षा मिशन के तहत मिशन शक्ति का आविर्भाव हुआ आज एण्टी सैटेलाइट मिशन भारत की सुरक्षा की दृष्टि से और मजबूती प्रदान करेगा आज विश्व के कुछ देशों (अमेरिका, रूस और चीन) के साथ भारत ने यह उपलब्धि हासिल की है। इससे भारत की रक्षा प्रणाली में नई तकनीकी क्षमता का विकास हुआ है ।

भारत की मिशन शक्ति देश की शांति, सुरक्षा की दृष्टि तथा सामरिक उद्देश्य देश मे शांति के माहौल को बनाना और मजबूती प्रदान करना है। इस सफलता के द्वारा हमारा देश और सुरक्षित, समृद्ध और शांति के क्षेत्र में उठे एक कदम के रूप में देखना चाहिए। फिर भी यह युद्ध की स्थिति में दुश्मन देशों के उपग्रहों को तबाह कर उनके सुरक्षा सम्बन्धी शक्तियों में सेंध लगाने में समर्थ है और युद्ध के दौरान उनके संचार, मौसम, रक्षा तंत्र व अन्य सुरक्षा सम्बन्धी सेटेलाइट को नष्ट कर युद्ध की स्थिति में अपने पराक्रम व विजय दृष्टि से महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

मिशन शक्ति के लाभ –

इस शक्ति को हासिल करने वाले देशों ने अपने रक्षा, सुरक्षा को पुख्ता बनाने के रूप में देखते है। जैसे  दुश्मन सेटेलाइट अगर भारत पर नजर रख रहा हो तो भारत उस सेटेलाइट को नष्ट कर सकता  है।

भारत के अन्य सैटेलाइटों की सुरक्षा भी इस मिशन शक्ति के द्वारा हो सकती है। तथा इस मिशन शक्ति से भारत ‘स्पेस महाशक्ति’ बन गया है।

मिशन शक्ति के हानि –

यदि भविष्य में युद्ध होता है तो युद्ध की स्थिति में दुश्मन देशों के अंतरिक्ष के लो अर्थ आर्बिट  उपग्रहों को नष्ट करने के बाद अंतरिक्ष में उपग्रहों के हजारों टन कचरों का ढ़ेर अंतरिक्ष में फैल जाएगा और ये टुकड़े लो अर्थ आर्बिट में इधर -उधर चक्कर लगाते रहेंगे।इस प्रकार इनसे और प्रक्षेपित सेटेलाइटों से टकराने का खतरा बना रहता है।जमीन पर गिरने की स्थिति में भी पृथ्वी पर नुकसान का खतरा बना रहता है।

भारत ने अब मिशन शक्ति के माध्यम से बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की है।एंटी सेटेलाइट मिसाइल हासिल करने वाला भारत विश्व का चौथा देश बना है।अब भारत के पास वो ताकत है जो उड़ते हुए किसी सेटेलाइट को नष्ट किया जा सकता है।

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