आपने आर्टिकल 370 के बारे में कई बार सुना होगा। आर्टिकल 370 जम्मू कश्मीर में लागू है और इसके तहत जम्मू कश्मीर के नागरिको को विशेष अधिकार दिये गए हैं।आज हम इस पोस्ट में बताएंगे कि आर्टिकल 370 क्या है ? तो आइए जानते हैं आर्टिकल 370 के बारे में।
आर्टिकल 370 का इतिहास – History of “Article 370”
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सन् 1947 में जब भारत और पाकिस्तान को आजादी मिली तब देश में 565 से ज्यादा राजा रजवाड़े और रियासतें थीं। अंग्रेजों ने इस सभी रियासतों को छुट दी थी कि भारत और पाकिस्तान में से किसी एक देश को चुन सकते हैं। उस वक्त कश्मीर के रियासत के राजा हरि सिंह थे।वे एक बड़ी मुस्लिम आबादी वाले राज्य के राजा थे।
आजादी से पहले वर्ष 1941 के आकड़े के अनुसार जम्मू कश्मीर में मुस्लिमों की आबादी 72.4% थी जबकि हिन्दुओं की आबादी 25% थी लेकिन उस रियासत के हिन्दू राजा हरि सिंह थे। कश्मीर की रियासत भारत और पाकिस्तान के बीच में था। एक तरफ कश्मीर पर पाकिस्तान के हमले और कब्जे का डर था तथा दूसरी तरफ राजा हरि सिंह कश्मीर को अलग स्वीटजरलैंड जैसा देश बनाने का सपना देख रहे थे।
अक्टूबर 1947 में पाकिस्तान की मदद से काबायलियों ने कश्मीर पर हमला बोल दिया। महाराजा हरि सिंह ने उस समय भारत से मदद की अपील की और कहा भारत किसी भी तरीक़े से कश्मीर को बचाए पाकिस्तान के इस हमले से। भारत सरकार ने इसके बदले राजा हरि सिंह से विलय की शर्त रखी क्योंकि इसके पहले राजा हरि सिंह विलय के लिए तैयार नहीं थे। भारत सरकार ने शर्त रखी कि हम बचाएगें पर उसके बदले में आपको विलय करना होगा। राजा हरि सिंह ने इस शर्त को मान लिया और विलय पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए।

लेकिन ये विलय शर्तों के साथ किया गया। जम्मू कश्मीर सिर्फ रक्षा, विदेशी मामले और दूरसंचार के मामलों में ही भारत सरकार के हस्तक्षेप के लिए राजी हुआ। और भारत सरकार राजी भी हो गया।
उस समय कश्मीर में एक पक्ष कश्मीर के नेता शेख अब्दुल्ला का भी था। शेख अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर के लोकप्रिय नेता थे और शेख अब्दुल्ला को जम्मू कश्मीर के मुसलमानों का समर्थन हासिल था।
उसके बाद मार्च 1948 में राजा हरि सिंह ने शेख अब्दुल्ला को कश्मीर का प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया। उस समय भारत संविधान सभा का एक प्रारुप तैयार हो रहा था। शेख अब्दुल्ला को भी संविधान सभा में शामिल किया गया।संविधान सभा में निष्कर्ष निकाला गया कि संविधान के आर्टिकल 370 के तहत जम्मू कश्मीर को एक विशेष दर्जा (Special Status) दिया जाएगा।
आर्टिकल 370 की जरुरत क्यों पड़ी – Need of “Article 370”
पंडित जवाहर लाल नेहरू और शेख अब्दुल्ला बहुत ही अच्छे दोस्त थे। शेख अब्दुल्ला पर पंडित जवाहर लाल नेहरू का अच्छा प्रभाव भी था। पंडित जवाहर लाल नेहरू इस बात को लेकर भावुक थे कि कश्मीर एक मुस्लिम इलाका होकर भी भारत में शामिल हो रहा है इसलिए जम्मू- कश्मीर को Special status दिया जाना चाहिए ताकि जम्मू-कश्मीर के नागरिक सुरक्षित महसूस कर सके। आर्टिकल 370 के मूलरूप में पंडित नेहरू की यही थी। जिसे प्रबल शेख अब्दुल्ला ने किया।

उस वक्त भी बहुत सारे लोगों ने पंडित नेहरू के इस कदम का बहुत विरोध किया था। संविधान का प्रारुप तैयार करने वाले डॉक्टर भीमराव अंबेडकर भी जम्मू कश्मीर को अलग दर्जा देने के पक्ष में नहीं थे। उस समय पंडित नेहरू बहुत शक्तिशाली थे क्योंकि उन पर बड़े नेताओं तथा महात्मा गांधी का भी हाथ था इसलिए कोई भी नेता उन्हें चुनौती देता था तो उसे कांग्रेस पार्टी में बने रहना मुश्किल होता था. आर्टिकल 370 के माध्यम से जम्मू-कश्मीर को एक विशेष राजनैतिक ताकत दी गई।
आर्टिकल 370 की खास बातें –
1.इस धारा के तहत जम्मू कश्मीर का नागरिक तभी राज्य का हिस्सा माना जाएगा जब वो वहाँ पैदा हुआ हो।
2.कोई भी भारतीय नागरिक या दूसरा नागरिक जम्मू-कश्मीर में सम्पत्ति नहीं खरीद सकता है।
3.कोई भी दूसरा नागरिक जम्मू कश्मीर का स्थाई नागरिक बनकर नहीं रह सकता है।
4.जम्मू कश्मीर का अपना अलग ध्वज होता है।
5.जम्मू कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती है।
6.जम्मू कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है।
7.जम्मू-कश्मीर में भारत के सुप्रीम कोर्ट के आदेश मान्य नहीं होते।
8.जम्मू-कश्मीर में भारत के राष्टध्वज या राष्ट्रीय प्रतीक का अपमान अपराध नहीं होता है।
9.जम्मू-कश्मीर की कोई महिला यदि भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से विवाह कर ले तो उस महिला की नागरिकता समाप्त हो जाती है तथा यदि वह पाकिस्तान के किसी व्यक्ति से विवाह कर ले तो उस व्यक्ति को भी जम्मू-कश्मीर की नागरिकता मिल जाती है।
10.भारत का कोई भी कानून जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होता है।
देखा जाये तो इस आर्टिकल 370 के वजह से हिंदुस्तान और पाकिस्तान में हमेशा से तनाव का माहौल रहा है. इसके लिए न जाने कितने सेना शहीद हो गये. अब देखना ये है कि भारत के वर्तमान या भावी सरकार इस मसले का हल कैसे निकलती है. अगर आपको यह पोस्ट पसंद आया तो इसको सोशल मीडिया पर शेयर जरुर करे. ताकि सभी लोगो को आर्टिकल 370 के बारे में पता चल सके.
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आर्टिकल 370 क्या है