Police Sub Inspector कैसे बने ? SI बनने के लिए क्या करे ?

आज के युग में अधिकांश युवा वर्ग के लोग पुलिस विभाग में शामिल होने का प्रयास करते हैं। पुलिस विभाग की भर्ती में प्रयास तो सभी करते हैं लेकिन कुछ ही लोग सफल हो पाते हैं क्योंकि उन्हें नहीं पता होता है कि SI या पुलिस उपनिरीक्षक बनने के लिए शैक्षिक और शारीरिक योग्यता क्या होने चाहिए। आज हम इस पोस्ट में बताएंगे कि पुलिस सब -इन्सपेक्टर या पुलिस उपनिरीक्षक क्या होता है, इसके लिए क्या योग्यता होने चाहिए, इसके लिए तैयारी कैसे करनी चाहिए, इसकी सैलेरी क्या होती है, इसके क्या कार्य हैं। तो आइए जानते हैं कि उपनिरीक्षक (Sub inspector)  के बारे में।

उपनिरीक्षक या सब-इन्सपेक्टर(Sub – Inspector) क्या है ?

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पुलिस सब-इन्सपेक्टर को पुलिस उपनिरीक्षक कहा जाता है। कुछ लोग इस उलझन में रहते हैं कि SI (Sub Inspector)और PSI (Police Sub Inspector) दोनों अलग -अलग पोस्ट है, लेकिन आपको पता होने चाहिए ये दोनों पोस्ट एक ही होते हैं। SI का फूल फार्म Sub Inspector होता है तथा PSI का फूल फार्म Police Sub Inspector होता है। हिन्दी में उप निरीक्षक या पुलिस उपनिरीक्षक या कई जगहों पर दरोगा भी कहते हैं।पुलिस विभाग में कान्सटेबल से लेकर पुलिस महानिदेशक तक कई रैंकिंक होती है।

उपनिरीक्षक (Sub Inspector) कैसे बने ?

SI Daroga

उपनिरीक्षक की तैयारी करने के लिए व्यक्ति को शारीरिक क्षमता के साथ -साथ मानसिक क्षमता का भी प्रदर्शन करना पड़ता है। जो लोग SI बनना चाहते है उनको निश्चित पाठ्यक्रम के अनुसार तैयारी करते रहना चाहिए तथा इसके साथ-साथ शारीरिक दक्षता पर ध्यान देना चाहिए। इस प्रक्रिया को निरंतर अपनाते हुए जो लोग उस निर्धारित मानक को पूरा करते हैं उनको सफलता अवश्य ही प्राप्त होती है।

उपनिरीक्षक (Sub Inspector)बनने के लिए योग्यताएं –

राष्ट्रीयता सम्बन्धी –

1.वह भारत का नागरिक हो।

2.तिब्बती शरणार्थी हो, जो भारत में स्थायी निवास के अभिप्राय से 1 जनवरी 1962 के पूर्व भारत आया हो।

3.भारतीय मूल का ऐसा व्यक्ति हो जिसने भारत में स्थायी निवास के अभिप्राय से पाकिस्तान, म्यांमार, श्रीलंका, या किसी पूर्व अफ्रीकी देश केनिया , यूगाडा,यूनाइटेड रिपब्लिक आफ तन्जानिया से प्रवजन किया हो।

परन्तु उपयुक्त श्रेणी 2 और 3 में ऐसा व्यक्ति होना चाहिए जिसके पक्ष में सरकार द्वारा पात्रता का प्रमाण पत्र जारी किया गया हो। परन्तु यह और की श्रेणी 2 के अभ्यर्थियों से अपेक्षा की जाएगी कि वह पुलिस उप महानिरीक्षक, अधिसूचना शाखा, राज्य से पात्रता का प्रमाण पत्र प्राप्त कर ले।

परन्तु यदि कोई उपर्युक्त श्रेणी 3 का हो तो पात्रता का प्रमाण पत्र एक वर्ष से अधिक की अवधि के लिए जारी नहीं किया जाएगा और ऐसे अभ्यर्थियों को एक वर्ष की अवधि के उपरांत सेवा की इस शर्त पर रहने दिया जाएगा कि वह भारत की नागरिकता प्राप्त कर ले।

Sub  Inspector  बनने के लिए शैक्षिक योग्यता  क्या होती है ?

किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक या ग्रेजुएशन की डिग्री या सरकार द्वारा उसके समकक्ष मान्यता प्राप्त कोई अहर्ता।

Sub  Inspector  बनने की आयु सीमा क्या होती है?  

आयुसीमा 21 वर्ष से 28 वर्ष की होती है।परन्तु यह आयु का मानक में अधिकतम आयु सीमा का अलग-अलग राज्यों में अन्तर देखने को मिलता है लेकिन आयु की न्यूनतम सीमा 21 वर्ष से शुरू होती है। इसके साथ -साथ विभिन्न जातियों जैसे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों में जो उस राज्य का निवासी हो, उसको अधिकतम आयु सीमा में उतने वर्ष अधिक होगी, जितनी की रिक्तियों की अधिसूचना के समय अधिनियम में और लागू सरकारी आदेशों में विनिर्दिष्ट की जाए।

अधिमानी योग्यताएं –

अधिमानी योग्यता में कोई अंक नहीं होते हैं। दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बराबर अंक की दशा में व्यक्तियों को अधिमानी अहर्ता का लाभ मिलता है। जैसे –

1.प्रादेशिक सेना में न्यूनतम दो वर्ष की अवधि तक सेवा की हो।

2.राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) का ‘B’ प्रमाण पत्र प्राप्त किया हो।

वैवाहिक स्थिति  –

ऐसे व्यक्ति जो विवाहित या अविवाहित हो ,दोनों ही इसके पात्र होते हैं। परन्तु ऐसे विवाहित अभ्यर्थी इसकी पात्रता नहीं प्राप्त कर सकते जिसकी एक से अधिक पत्नियां जीवित हो।

शारीरिक स्वस्थता –

किसी अभ्यर्थी को सेवा में नियुक्त नहीं किया जायेगा जब वह शारीरिक व मानसिक दृष्टि से उसका स्वास्थ्य अच्छा न हो और किसी ऐसे शारीरिक दोष से युक्त हो जिससे उसे अपने कर्तव्यों का दक्षतापूर्वक पालन करने में बाधा करने की सम्भावना हो।

किसी व्यक्ति को अन्तिम रूप से अनुमोदित किया जाने के पूर्व उससे यह अपेक्षा की जाती है कि वह चिकित्सा बोर्ड के परीक्षण में सफल हो जाए। शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्ति भर्ती के पात्र नहीं होगे।

शारीरिक मानक-

शारीरिक मानक के सन्दर्भ में ऐसा देखा जाता है कि यह अलग राज्यों में व्यक्ति की ऊंचाई अलग-अलग देखी जाती है।  जैसे उत्तर प्रदेश उपनिरीक्षक में सामान्य वर्ग के लिए 168 सेमी है तो दिल्ली में उपनिरीक्षक के लिए 170 सेमी होता है।

इसमें अनुसूचित जनजातियों को विज्ञापन के अनुसार छुट भी प्रदान की जाती है। इसी प्रकार सीने की मापका न्यूनतम मानदंड 79 सेमी होता है और आवश्यकतानुसार इसमें भी कुछ आरक्षित वर्ग को छूट प्रदान की जाती है। सीने का न्यूनतम फुलाव 5 सेमी होता है।

दौड़ के मानक उत्तर प्रदेश में 4.8 किमी 28 मिनट में तथा कुछ राज्यों में 10 किमी 1 घंटा में होता है। इसके अलावा कुछ अलग राज्यों में कुछ और शारीरिक मानदंड होते है। जैसे- दौड़ के साथ ऊँची कूद, गोला फेंक, लम्बी कूद इत्यादि शारीरिक मानदंड अपनाये जाते हैं।

इसमें महिला अभ्यर्थियों को विभिन्न राज्यों में विधि के नियमानुसार अपने द्वारा दिए गए छुट उनके अपने -अपने विज्ञापन में होते हैं। उनकी आयु सीमा, भार,ऊंचाई, दौड़, ऊँची कूद, लम्बी कूद व गोला फेंक सभी में छुट प्रदान की जाती है और उनके न्यूनतम मानक पुरुषों से अलग होते हैं।

चयन की प्रक्रिया –

आवेदन – सबसे पहले अभ्यर्थी को जब उपनिरीक्षक का कोई विज्ञापन आता है तो आपको आवेदन करने होते हैं। उसके बाद आपको विज्ञापन के अनुसार प्रथम प्रक्रिया में मुख्य परीक्षा और फिर शारीरिक दक्षता परीक्षा से गुजरना होता है।

मुख्य परीक्षा – इसमें व्यक्ति को दिए गए निश्चित परीक्षा पाठ्यक्रम के अनुसार तैयारी करनी होती है। सामान्यतः परीक्षा सामान्य ज्ञान, तर्क शक्ति, अंकगणितीय योग्यता, भाषा ज्ञान संबंधी मानसिक योग्यताओं का मापन परीक्षा द्वारा किया जाता है।परीक्षा में एक निश्चित उत्तिर्णांक होता है। जिसको राज्य सरकार अभ्यर्थियों के सबसे अधिकतम प्राप्तांक वाले अभ्यर्थियों के पदों की संख्या के सापेक्ष आगे के चरण के लिए सफल घोषित करती है।

इसके उपरांत व्यक्ति शारीरिक दक्षता परीक्षण के लिए पात्र होता है।

शारीरिक दक्षता परीक्षण –

उपर्युक्त शारीरिक दक्षता के मानक को जो पूरा करता है वह सफल घोषित होता है।

चिकित्सा परीक्षण –

इसमें व्यक्ति के शरीर का परीक्षण किया जाता है कि उसका शारीरिक स्वास्थ्य ठीक है या नहीं क्योंकि वह जिस निश्चित पद पर नियुक्त हुआ है,उस पर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

साक्षात्कार (Interview )–

सामान्यतः ज्यादातर राज्यों में साक्षात्कार की प्रक्रिया समाप्त कर दी गई है।

उपरोक्त चरणों में सफल व्यक्ति जो अन्तरिम सूची में चयनित होता है और उसका चयन अन्तिम रूप से हो जाता है। इस प्रकार वह उपनिरीक्षक बन जाता है ।

सैलरी (Salary of Sub Inspector )-

उपनिरीक्षक या दरोगा की सेलेरी पहले 9,300- 34,800 रुपये प्रति माह तथा ग्रेड पे 4,200 रुपये होती थी. लेकिन 7वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद इनकी सेलेरी 27,900 -1,04,400 रुपये प्रति माह हो जाती है।

उपनिरीक्षक या दरोगा के कार्य (Work  of  Sub Inspector )–

1.अपने अधिकार क्षेत्र में विधि और व्यवस्था को बनाए रखना।

2.अपराधों की जांच करना तथा अपराधियों को गिरफ्तार करना।

3.पुलिस कांस्टेबलों और अपने अन्तर्गत काम करने वाले अन्य स्टाफ को ड्यूटी अलाट करना ।

4.पुलिस स्टेशन में लाज की गई FIR और शिकायतों की जाँच करना, परिस्थितियों की जांच करना और गिरफ्तार करने जैसे उपयुक्त कदम उठाना ।

5.अपराधिक मामलों को कोर्ट में पेश करना ।

6.अपने क्षेत्र में अपराध रोकने के लिए कदम उठाना ।

 

 

 

 

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