हैलो दोस्तों हमारे ब्लॉग में आपका स्वागत है। आज हम ग्रह(Planet) के बारे में पूरी जानकारी देंगे। ग्रह की परिभाषा, ग्रहों की संख्या कितनी है, इनके बारे में बताएंगे। तो आइये जानते हैं ग्रह के बारे में।
ग्रह (Planet) किसे कहते हैं ?
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ऐसे खगोलीय पिण्ड जो सूर्य के चारों तरफ चक्कर लगाता हो, अपने अक्ष पर घूर्णन करता हो, उनके पास स्वयं का गुरुत्वाकर्षण शक्ति हो , उनकी स्वयं का ऊर्जा न हो वे किसी तारे के प्रकाश से प्रकाशित होते हैं और बिना किसी पथ को क्रास किए अपने निश्चित पथ पर परिक्रमा करता हो, उसे ग्रह कहते हैं। हमारे सौर मण्डल में ग्रहों की संख्या ( Number of Planets ) –अन्तर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ के अनुसार हमारे सौरमंडल में कुल 8 ग्रह है
Name of planets (ग्रहों के नाम) निम्नलिखित हैं-
1.बुध (Mercury )
2.शुक्र (Venus)
3.पृथ्वी (Earth)
4.मंगल (Mars)
5.बृहस्पति (Jupiter)
6.शनि (Saturn)
7.अरूण (Uranus)
8.वरूण (Neptune)
2006 के पहले हमारे सौरमंडल में 9 ग्रह थे। लेकिन 2006 में संघ की बैठक हुई जिसमें ग्रहों की संख्या 9 से घटकर 8 रह गई। प्लुटो ग्रह को क्षुद्र ग्रह की श्रेणी में रखा गया है। इसे बौना ग्रह (Dwarf Planet ) भी कहते हैं।
प्लुटो सूर्य की परिक्रमा करते समय अपने निकटतम ग्रह वरूण के कक्षा को क्रास करता था। इसी कारण प्लुटो ग्रह को 9 ग्रहों से बाहर कर दिया गया। इसलिए हमारे सौरमंडल में कुल 8 ग्रह है। कुल 8 ग्रहों में से 5 ग्रह को नंग्न आँखों से देखा जा सकता है इनमें- बुध, शुक्र, बृहस्पति, शनि और मंगल।
आकार के अनुसार ग्रहों का घटता क्रम है–
बृहस्पति→शनि→अरूण→वरूण→पृथ्वी→शुक्र→मंगल→बुध
मंगल ग्रह के बाद और बृहस्पति ग्रह के पहले क्षुद्रग्रह की पेटी नजर आता है। इस कारण ग्रहों को दो भागों में विभाजित किया गया है–
1.आन्तरिक ग्रह या पार्थिव ग्रह–
क्षुद्रग्रह और सूर्य के बीच वाले ग्रह आन्तरिक ग्रह या पार्थिव ग्रह कहलाते हैं। इस में बुध, शुक्र, पृथ्वी और मंगल आते हैं।
2.बाह्य ग्रह या जोबियन ग्रह–
क्षुद्र ग्रह के बाहर की ओर वाले ग्रह जोबियन या बाह्य ग्रह कहलाते हैं। बृहस्पति, शनि, अरूण और वरूण ग्रह इसके अन्तर्गत आते हैं। इन ग्रहों की कोई ठोस सतह नहीं है। ये मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हिलीयम गैस के गोले हैं। यह सूर्य से बहुत दूर परिक्रमा करते हैं।
आइए अब 8 ग्रहों के बारे में जानते हैं-
सभी ग्रहों (Planets) से संबंधित जानकारी –
1.बुध ग्रह (Mercury Planet) –
बुध ग्रह को वाणिज्य एवं निपुणता का ग्रह कहा जाता है। इसका विशिष्ट गुण चुम्बकीय क्षेत्र का होना है यह ग्रह सूर्य के सबसे नजदीक स्थित है। यह सौर मण्डल का आकार में सबसे छोटा ग्रह है। सौर मण्डल का यह ग्रह सार्वाधिक तापान्तर वाला ग्रह है। यहाँ दिन का तापान्तर 560℃˚C होता है। तापान्तर सर्वाधिक होने के कारण यहाँ वायुमंडल का अभाव है। सौरमंडल में बुध ग्रह का सबसे छोटा साल होता है क्योंकि यह 88 दिन में सूर्य का परिक्रमा करता है। यह अपने अक्ष पर 58 दिन में चक्कर लगाती हैं यानि इसके अपने अक्ष पर घूर्णन का समय 58 दिन है। बुध ग्रह की सूर्य से दूरी 58 मिलियन किमी है। इस ग्रह का अपना कोई उपग्रह नहीं है।
2.शुक्र ग्रह (Venus Planet) –
शुक्र ग्रह को सुन्दरता की देवी, भोर का तारा, सायं का तारा तथा पृथ्वी की जुड़वाँ बहन कहा जाता है। सौरमंडल का यह ग्रह सर्वाधिक विशेषताओं वाला ग्रह है। हमारे सौरमंडल में यह तीसरा सबसे चमकीला खगोलीय पिण्ड है। इस ग्रह का अपने अक्ष पर घूर्णन का समय 243 दिन है। सर्वाधिक घूर्णन करने में समय शुक्र ग्रह का लगता है क्योंकि इस ग्रह का एक दिन 243 दिन के बराबर होता है। इस ग्रह को सूर्य का परिक्रमा करने में 225 दिन में लगता है। शुक्र ग्रह उल्टा परिभ्रमण करता है यानि यह पश्चिम से पूर्व दिशा में चक्कर लगाता है।
इस ग्रह का व्यास, आकार, घनत्व पृथ्वी के समान होने के कारण पृथ्वी की जुड़वाँ बहन कहा जाता है।
शुक्र ग्रह को सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह कहा जाता है क्योंकि यहाँ कार्बनडाइ ऑक्साइड और सल्फरडाइ ऑक्साइड के बादल पाये जाते हैं। कार्बनडाइ ऑक्साइड और सल्फरडाइ आक्साइड की अधिकता के कारण यह ग्रह गर्म होता है तथा इसका तापमान 459˚C होता है।
सूर्य और चन्द्रमा के बाद सर्वाधिक चमकीला दिखने वाला तीसरा खगोलीय पिण्ड है इसलिये इसे भोर का तारा एवं सायं का तारा कहते हैं। इसका कोई उपग्रह नहीं होता है।
3.पृथ्वी ग्रह (Earth Planet) –
पृथ्वी ग्रह को नीला ग्रह, जीवन का ग्रह कहा जाता है। पृथ्वी की आकृति गोलोभ की आकार(Geoid shaped) है। पृथ्वी का नीला रंग प्रकाश का प्रकीर्णन के कारण है। इसके ऊपर 70.78% जल तथा 29.22% स्थल पाया जाता है। पृथ्वी एक मात्र ऐसा ग्रह है जिस पर ठोस, द्रव और गैस पाया जाता है।
पृथ्वी की सूर्य से दूरी 150 मिलियन किमी है। पृथ्वी अपने अक्ष पर 23 घंटा, 56 मिनट तथा 4 सेकेण्ड लगाती है तथा सूर्य का परिक्रमा या चक्कर 365 दिन, 5 घंटा, 48 मिनट एवं 46 सेकेण्ड में एक चक्कर लगाती है। पृथ्वी पर सूर्य का प्रकाश 8 मिनट 16 सेकेण्ड में पहुँचता है।
पृथ्वी का उपग्रह चन्द्रमा है जो कि हमारे सौरमंडल का दूसरा सबसे चमकीला खगोलीय पिण्ड है। चन्द्रमा के चाँदनी का प्रकाश 1.34 सेकेण्ड में पहुँचता है।
4.मंगल ग्रह (Mars Planet) –
मंगल ग्रह को लाल ग्रह, युद्ध का देवता कहा जाता है। लाल रंग होने के कारण इसे युद्ध का देवता कहा जाता है। इस ग्रह पर आयरन आक्साइड पाये जाने के कारण लाल ग्रह कहा जाता है। मंगल ग्रह पृथ्वी के समान ग्रह है क्योंकि जितना समय घूर्णन करने में पृथ्वी का लगता है लगभग उतना ही समय मंगल ग्रह को घूर्णन करने में लगता है। यह अपने अक्ष पर लगभग 24 घंटा में परिभ्रमण करता है। सूर्य की परिक्रमा 687 दिन में करता है। मंगल ग्रह की सूर्य से दूरी 228 मिलियन किमी है।
मंगल ग्रह के दो उपग्रह हैं- फोबोस और डिमोस। डिमोस हमारे सौरमंडल का सबसे छोटा उपग्रह है। यहाँ पर सबसे ऊंचा ज्वालामुखी ओलम्पसमोन्स है जो जागृत ज्वालामुखी है और इस ग्रह पर सबसे ऊँचा पर्वत निक्सओलम्पियन है जो एवरेस्ट से तीन गुना ज्यादा ऊँचाई का है।
इसे भी देखे-
5.बृहस्पति ग्रह (Jupiter Planet) –
बृहस्पति ग्रह को पीला ग्रह, देवताओं का ग्रह कहा जाता है। बृहस्पति ग्रह सौरमंडल का आकार में सबसे बड़ा ग्रह और भारी ग्रह है। यह सौरमंडल का ऐसा ग्रह है जो हम नग्न आँखों से भी देख सकते हैं। इस ग्रह पर हाइड्रोजन, हिलियम, मिथेन गैसों की अधिकता होती है। विकिरण के रूप में ऊर्जा उत्सर्जन करने के कारण तारा सदृश होता है।
इसको अपने अक्ष पर घूर्णन करने में लगभग 9 घंटे 56 मिनट लगता है। सौरमंडल का सबसे छोटा दिन बृहस्पति ग्रह का होता है क्योंकि बृहस्पति ग्रह अपने अक्ष पर 9 घंटा 56 मिनट में ही एक परिभ्रमण पूरा कर लेता है। सूर्य की परिक्रमा करने में लगभग 12 वर्ष लगता है तथा सूर्य से बृहस्पतिग्रह की दूरी 778 मिलियन किमी है।
बृहस्पति ग्रह के उपग्रहों की संख्या 67 है। सबसे बड़ा उपग्रह गैनिमीड है।
6.शनि ग्रह (Saturn Planet) –
शनि ग्रह को काला ग्रह, कृषि का देवता कहते हैं। शनि ग्रह को सौरमंडल का सबसे सुन्दर ग्रह है। इसे नगीना ग्रह के नाम से भी जाना जाता है। इसके चारों ओर धूल, गैसों, बर्फ आदि से निर्मित छल्ला पाया जाता है, जिनकी संख्या 10 हैं। यह ग्रह बहुत ठंडा होता है।
इसे जल पर तैरता हुआ ग्रह के नाम से भी जानते हैं, क्योंकि इसका घनत्व जल के घनत्व से भी कम है। इसग्रह पर वायुमंडल का अभाव होता है।
इसे अपने अक्ष पर घूर्णन करने में लगभग 10 घंटा 40 मिनट लगता है तथा सूर्य की परिक्रमा करने में 29 वर्ष लगता है। शनि ग्रह की सूर्य से दूरी 1487 मिलियन किमी है।
शनि ग्रह के उपग्रहों की संख्या 65 है। इस ग्रह का सबसे बड़ा उपग्रह टाईटन है।
7.अरूण ग्रह (Uranus Planet) –
अरूण ग्रह को हरित ग्रह, स्वर्ग का देवता कहा जाता है। यह सौरमंडल का तीसरा बड़ा एवं क्रम में सातवाँ ग्रह है। इसमें मेथेन गैस की मात्रा बहुत अधिक होता है, इसलिए यह हरा दिखाई देता है। यह शुक्र ग्रह की तरह ही विपरीत दिशा में परिभ्रमण करता है। इस ग्रह का अक्ष लम्बवत न होकर बेलनाकार है, इसलिये इसका एक ध्रुव सदैव सूर्य के सामने रहता है। अत्यधिक झुका होने के कारण यह ग्रह लेटा हुआ प्रतीत होता है, इसलिए इसे लेटा ग्रह भी कहते हैं।
इसे ड्रमप्लेनेट (Drum Planet ) अथवा लुढ़कता हुआ ग्रह भी कहा जाता है। इस ग्रह का घूर्णन करने में समय 17 घंटा 14 मिनट लगता है। इसे सूर्य की परिक्रमा करने में 84 वर्ष लगता है तथा इस ग्रह की सूर्य से दूरी 2870 मिलियन किमी है। अरूण ग्रह के उपग्रहों की संख्या 27 है।
8.वरूण ग्रह (Neptune Planet) –
वरूण ग्रह को सागर का देवता कहा जाता है। यह सौरमंडल का अन्तिम ग्रह है और आकार में चौथे स्थान पर है। इस ग्रह को अपने अक्ष पर घूर्णन करने में समय 16 घंटा लगता है और सूर्य की परिक्रमा करने में 164 वर्ष लगता है। इस ग्रह की सूर्य से दूरी लगभग 4500 मिलियन किमी है। इस ग्रह के 14 ज्ञात उपग्रह है। इसके ट्राइटन और मेरीड इसके प्रमुख उपग्रह है।
क्षुद्र ग्रह (Asteroids ) किसे कहते हैं ?
मंगल तथा बृहस्पति ग्रह की कक्षा के बीच पाये जाने वाले ऐसे खगोलीय पिण्ड जो किसी कारणवश ग्रह नहीं बन पाये हैं, उन्हें क्षुद्र ग्रह कहते हैं। क्षुद्र ग्रहों की अनुमानित संख्या लगभग 40,000 हैं, जिसमें सेरेस, प्लास, हरमोज, वेस्टा आदि प्रमुख हैं।
धूमकेतु (Comets ) किसे कहते हैं ?
धुमकेतु वे आकाशीय पिण्ड हैं, जो अनियमित पथ पर सूर्य की परिक्रमा करते हैं। ये पिण्ड विभिन्न गैसों, धूलकणों, चट्टानों आदि से निर्मित होते हैं। इन्हें पुच्छल तारा भी कहते हैं।
आज इस पोस्ट में ग्रहों के बारे में बताया गया है उम्मीद करते है कि यह जानकारी आपको पसंद आयी होगी जानकारी पसंद आये तो शेयर करें ।