What is Styrene? – हैलो दोस्तों हमारे ब्लॉग में आपका स्वागत है। आज हम आपको इस पोस्ट में स्टाइरिन गैस के बारे में बताएंगे कि स्टाइरिन गैस क्या है, इसका क्या उपयोग होता है,
इस गैस का शरीर पर क्या असर होता है, इस गैस का रिसाव हो जाने पर कैसे बचाव कर सकते हैं,तो आइये जानते हैं कि स्टाइरिन के बारे में।
स्टाइरिन (Styrene) क्या है ?
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स्टाइरिन को PVC गैस कहते हैं। PVC कि पूरा नाम पालिविनाइल क्लोराइड (Polyvinyl Chloride ) है। इसे एथनीलबेन्जीन भी कहा जाता है। इसका रसायनिक सूत्र (C2H3Cl)n है।
स्टाइरिन काफी ज्वलनशील पदार्थ है।यह हवा के सम्पर्क में आने से गैस बन जाती है। स्टाइरिन गैस रंगहीन होती है और इसका धुआं दिखता नहीं है।
स्टाइरिन का मुख्य तौर पर प्लास्टिक और पालिस्ट्रिन उद्योग में पालिस्टाइरीन प्लास्टिक और रेजिन्स बनाने में उपयोग होता है।
(Styrene) गैस सिगरेट के धुएं और वाहनों के धुएं में भी होती है। वहीं प्राकृतिक तौर पर कुछ फल तथा सब्जियों में भी पाया जाता है।
Styrene गैस को 20℃ पर रखा जाता है। इस गैस का यदि कम समय के लिए रिसाव होता है तो आँखों में जलन हो सकती है
लेकिन यदि लम्बे समय तक इस गैस में रहने पर शरीर पर बहुत बुरा असर होता है। इससे जान भी जा सकती है।
स्टाइरिन गैस बच्चों और साँस के मरीजों के लिए बहुत खतरनाक है।
स्टाइरिन (Styrene) का इस्तेमाल किसमें किया जाता है ?
स्टाइरिन का इस्तेमाल इन्सुलेशन पाइप प्लास्टिक, पेंट, टायर, आटोमोबाइल पार्ट्स बनाने जैसी चीजों में किया जाता है।
इसके अलावा रबड़, पालिस्टरीन प्लास्टिक, फाइबर ग्लास बनाने में, फूड कन्टेनर बनाने में, पैकेजिंग का सामान, पालिश ,जूते, खिलौने आदि बनाने में किया जाता है।
स्टाइरिन गैस ( Styrene Gas ) शरीर पर क्या असर होता है ?
- स्टाइरिन गैस का शरीर पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। यह 10 मिनट के अन्दर ही शरीर के अन्दर असर दिखाना शुरू कर देता है।
- स्टाइरिन गैस सीधा सेंट्रल नर्वस सिस्टम (केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र) पर असर होता है जिसके सम्पर्क में आने के बाद साँस लेने में दिक्कत होती है।
- इस गैस के सम्पर्क में आने से दम घुटने लगता है और साँस लेने में परेशानी होती है।
- शरीर में जलन और आँखों में जलन होने लगती है।
- इससे शरीर पर दाग या रेशेज भी हो जाता है।
- उल्टी भी होने लगती है।
- इसके सम्पर्क में आने से लोग बेहोश होने लगते हैं।
- इससे सिरदर्द, डिप्रेशन हो सकता है।
स्टाइरिन गैस (Styrene Gas )से बचाव कैसे कर सकते हैं ?
- इस गैस के सम्पर्क में आ जाने पर भीगे हुए कपड़ें यानि रुमाल, तौलियाँ को मुँह और नाक को ढ़क कर रखना चाहिए, ताकि गैस नाक या मुँह के रास्ते शरीर के भीतर ना जा सके।
- जिस इलाके में गैस का रिसाव हुआ हो उस प्रभावित इलाकों में पानी का छिड़काव करना चाहिए ताकि गैस के प्रभाव को कम किया जा सके।
- प्रभावित इलाकों में PTBP (Para Tertiary Butylphenol ) केमिकल का छिड़काव करने से स्टाइरिन गैस के रिसाव को कम किया जा सकता है।
यदि ऐसे ही किसी गैस के सम्पर्क में आते हैं तो सबसे पहले आपको पानी के सम्पर्क या नमी के सम्पर्क में आना चाहिए।
विशाखापत्तनम में Vizag Gas Leak होने से 11 लोगो के करीब 24 लोग अभी भी गंभीर हालत में।
विशाखापत्तनम से बहुत ही दुःखद खबर आयी है कि आज सुबह (07/05/2020) को एक आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में एक कंपनी से Vizag Gas Leak होने के वजह से करीब 11 लोगो की मौत हो चुकी है और अभी भी करीब 24 लोग इससे प्रभावित है।
वहाँ की सरकार ने मृतकों के परिजनों को एक करोड़ रुपए मुआवजा देने की घोसणा की है।
आज हम इस पोस्ट में स्टाइरिन गैस के बारे में बताएं। उम्मीद है यह आपको पोस्ट पसंद आयी होगी।
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