छोटी-छोटी सफेद और मीठी गोलियां आप सबने ली होगी या देखी होगी आज हम इन्हीं गोलियों के बारे में बताएंगे जिसे हम Homeopathy के नाम से जानते हैं। आज हम इस पोस्ट में बताएंगे कि होम्योपैथी क्या है ?,इसकी खोज किसने किया ?, इसके फायदे तथा नुकसान क्या है ?, इसका सेवन करते समय किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए। तो आइए जानते हैं होम्योपैथी के बारे में।
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Homeopathy क्या है ?
होम्योपैथी 200 साल पुरानी एक ऐसी चिकित्सा पद्धति है जिसमें हम रोगियों का इलाज सम:,समं,समयति के सिद्धांत के आधार पर करते हैं।सम:,समं, समयति यानी कि likes cure likes। यह कोई देशी दवाई या नुस्खा नहीं है बल्कि इसके कुछ सिद्धांत है।
यह इस सिद्धान्त पर कार्य करती है कि विष ही विष की औषधि है। इसका अर्थ यह है कि शरीर में अधिक मात्रा में जाने पर स्वस्थ व्यक्ति में हानिकारक लक्षण उत्पन्न करने वाले पदार्थ यदि बीमार व्यक्ति को कम खुराक में दिये जाए तो समान हानिकारक लक्षण को ठीक कर सकते हैं। Homeopathy ग्रीक वर्ड Homo और pathy से मिलकर बना है जिसमें Homo का अर्थ similar और pathy का मतलब suffering। यानी होम्योपैथी समरुपता के सिद्धांत पर आधारित है जिसमें दवाएं उन बीमारियों से मिलते-जुलते रोग दूर कर सकती है।
होम्योपैथी चिकित्सा की खोज किसने की?
Homeopathy चिकित्सा की खोज जर्मन फिजिशियन डॉ०सेम्युल हेनीमेन ने सन् 1796 में की थी जो पूरी तरह एलोपैथी थे।ये अपनी चिकित्सा प्रणाली से असंतुष्ट थे। पुराने शास्त्रों का अध्ययन करते समय उन्होंने चिकित्सा की नयी परिभाषा ढ़ूढ़ी जिसे होम्योपैथी कहा गया।
Homeopathy इलाज के फायदे क्या हैं ?
1.यह एक सुरक्षित और सौम्य चिकित्सीय तरीका है जो कई प्रकार की बीमारियों का प्रभावी उपचार कर सकता है। और इस दवा की लत भी नहीं लगती है।
2.यह गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सभी के लिए सुरक्षित है।
3.यह डायबिटीज रोगियों द्वारा भी लिया जा सकता है।
4.होम्योपैथिक चिकित्सा उन्हीं ऊतकों पर कार्य करती है जो लोग से प्रभावित होते हैं।
5.होम्योपैथी चिकित्सा रोगी की शारीरिक शिकायतें, वर्तमान और पिछला चिकित्सा इतिहास, व्यक्तित्व और वरीयताओं सहित विस्तृत इतिहास को ध्यान में रखकर करती है।
6.चिकित्सा की यह प्रणाली सिर्फ व्यक्ति की बीमारी को ही नहीं बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य को ठीक करने पर केन्द्रित होती है।
Homeopathy दवाओं के नुकसान क्या है ?
1.इसकी दवाओं के भी कुछ साइड इफेक्ट्स होते हैं। होम्योपैथिक ट्रीटमेंट के दौरान खान-पान में काफी सावधानी रखने की जरूरत होती है।इन दवाइयों के सेवन के दौरान थोड़ी सी भी चूक की वजह से आपको इसके साइड इफेक्ट्स भुगतने पड़ सकते हैं।
2.डॉक्टरों द्वारा दिए गए दवाइयों के सेवन अगर निश्चित समय सीमा से अधिक समय तक किया जाए या ओवरडोज लेना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इससे पेट में इन्फेक्शन या अन्य बीमारियां भी हो सकती है।
3.होम्योपैथिक दवाइयां हर किसी पर उतनी ही प्रभावकारी साबित हो ये जरुरी नहीं। लम्बे समय से इसके सेवन से अगर आप लाभ महसूस नहीं करते हैं तो समस्या के गम्भीर होने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
4.होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से पहले या बाद में कई तरह का परहेज करना होता है जैसे इसके आधे घंटे तक कुछ खा पी नहीं सकते हैं, तैलीय और खट्टी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
5.होम्योपैथिक दवाओं का असर बहुत समय बाद होता है यानी कि किसी आपातकाल समस्या के दौरान ये दवाएं आपके किसी काम की नहीं है। अगर आपके सिर में दर्द हो रहा है या पेट में दर्द हो रहा है तो ये दवाएं आप पर तुरंत असर नहीं करती है।
6.होम्योपैथिक दवाइयां पोषण संबंधी समस्या और पोषण की कमी होने की स्थिति बिल्कुल भी प्रभावकारी नहीं होती। जैसे एनीमिया और आयरन की कमी को पूरा नहीं करता है।इन कमियों को डायट या सप्लिमेंट से पूरा किया जा सकता है।
होम्योपैथिक दवाओं का सेवन करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
1.जब भी हम होम्योपैथिक दवाओं का सेवन करते हैं तो हमें भोजन करने से आधा घंटा पहले या बाद में ही सेवन करना चाहिए। दवाओं का सेवन करने से पहले अच्छी तरह से कुल्ला करके ही सेवन करना चाहिए।
2.यदि आप होम्योपैथिक दवाओं का सेवन कर रहे हैं और साथ में आप एलोपैथी दवा भी लेना चाहते हैं तो ले सकते हैं लेकिन होम्योपैथिक दवा और एलोपैथी दवा में कम से कम एक घंटे का अंतर होना चाहिए।
3.जब भी आप होम्योपैथिक दवा ले रहे हो तो कॉफी का सेवन न करें।तब तक के लिए आप कॉफी बन्द कर दें क्योंकि कॉफी के अन्दर कैफ़ीन होता है जो होम्योपैथिक दवा का प्रभाव कम कर देता है।
4.आपको होम्योपैथिक दवाओं का सेवन करते समय तेज गंध वाली चीजों को खाने से बचना चाहिए जैसे कि प्याज, लहसुन,अदरक,सौंफ, इलायची आदि।कच्चा तो बिल्कुल भी न खाएं। सब्जी में डालकर खाना चाहते हैं तो इसकी मात्रा को कम कर दें।
5.यदि आप गुटखा, सुपारी, शराब आदि का सेवन करते हैं और होम्योपैथिक दवा का सेवन कर रहे हैं तो आप गुटखा, शराब आदि को बन्द कर दें। और जिनको इनकी लत है उनको कम से कम 1 घंटे का अंतर जरुर रखें।
6.कुछ खट्टी चीजें जैसे इमली, नींबू अचार, इन चीजों को भी होम्योपैथिक दवाओं का सेवन करते समय बचना चाहिए। खासतौर पर जब चर्मरोग, गठिया रोग में दवा का सेवन कर रहे हों तो खट्टी चीजों का सेवन बिल्कुल भी ना करें।
होम्योपैथी इस विश्वास पर चलती है कि शरीर खुद को ठीक कर सकता है। इसी सिद्धांत को मानते हुए होम्योपैथिक दवाओं को तैयार किया जाता है।
आज हम इस पोस्ट में Homeopathy क्या है ? इसके फायदे तथा नुकसान क्या है ? के बारे में बताएं। उम्मीद है आपको यह पोस्ट पसंद आयी होगी। अगर पसंद आयी तो दोस्तों में शेयर जरुर करें।