हैलो दोस्तों, हमारे ब्लॉग में आपका स्वागत है। आज हम इस पोस्ट में GeM के बारे में बताएंगे । GeM एक सरकारी आनलाइन मार्केट प्लेस है जहाँ देश भर के छोटे और बड़े व्यापारी वस्तुओं और सेवाओं का आसानी से सरकार के साथ आनलाइन व्यापार कर सकते हैं ।
आइए जानते हैं GeM क्या होता है ? इसकी शुरुआत कब हुई? इसका पूरा नाम क्या है ? इसकी क्या विशेषताएं हैं ? GeM पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कैसे करें ? इस पोर्टल में क्या सुविधाएं मिली है ? GeM के माध्यम से खरीदारी कर रहे लोगों की क्या समस्या हैं ? तो आइए जानते हैं GeM के बारे में ।
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GeM क्या है ?
GeM एक भारत का एक सार्वजनिक खरीद मंच पोर्टल है। GeM पूरी तरह से कागज रहित, कैशलेस और प्रणाली संचालित ई-मार्केट प्लेस है। यह न्यूनतम मानव इंटरफेस के साथ-साथ आम उपयोग वस्तुओं और सेवाओं की खरीद को सक्षम बनाता है ।
GeM पोर्टल फ्लिपकार्ट, अमेजन की तरह ही है लेकिन इसे Government खुद आपरेट करती है ।
सरकार की केंद्रीय खरीद में पारदर्शिता लाने और लम्बी प्रक्रिया से बचाने के लिए सरकार ने इस पोर्टल की शुरुआत की है। इसके जरिए तमाम सरकारी विभाग अपने जरुरतों के हिसाब से जुड़ा सामान टेंडर और विभागों के बीच फाइलों की लम्बी दौड़ के बिना खरीद सकते हैं।
इसमें अब तक लगभग 45000 से ज्यादा खरीदार जुड़ चुके हैं और लगभग 4 लाख सेलर और सर्विस प्रोवाइडर भी अब तक इस पोर्टल के साथ जुड़ चुके हैं। लगभग 50 हजार करोड़ से ज्यादा की Transaction value की खरीद-फ़रोश इस पोर्टल के द्वारा हो चुकी है और ये आँकड़े दिन-प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे हैं ।
इस पोर्टल पर स्कूली बच्चों को बाँटे जाने वाली ड्रेसेस से लेकर दफ्तर में इस्तेमाल होने वाली स्टेशनरी तक उपलब्ध है। इसमें डिजिटल कम्प्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल, स्टेशनरी और फर्नीचर तक खरीद सकते हैं ।
इसमें केंद्र सरकार की सभी मंत्रालय, विभाग (All department of Central Government ), राज्य सरकार के विभाग(Department of State Government), सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनियां, Semi government Organization, Establish Private and Public Limited companies शामिल हैं ।
केंद्र सरकार ने अपने सभी विभागों के लिए इसे अनिवार्य कर दिया है। GeM पोर्टल वाणिज्य मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में आता है।
GeM का पूरा नाम क्या है ?
GeM का पूरा नाम Government e-Marketplace है तथा हिन्दी में सरकारी ’ई’ बाजार है।
GeM की शुरुआत कब हुई ?
GeM पोर्टल की शुरुआत 9 अगस्त 2016 को किया गया था। Directorate General of Supplies and Goods (DGS-D) ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्रभाग (National e-Governance Division & NeGD) की तकनीकी मदद से GeM पोर्टल विकसित किया गया है।
वित्तीय वर्ष 2016-17 के बजट भाषण में विभिन्न मंत्रालयों और सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीदी जाने वाली वस्तुओं एवं सेवाओं में सहायता प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी चालित मंच की स्थापना के लिए घोषणा हुई थी ।
GeM का गठन तथा उद्देश्य-
सरकारी ई-बाज़ार के गठन का लक्ष्य सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता, दक्षता और गति को बढ़ाना है। यह सरकारी उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए ई-बोली प्रक्रिया, रिवर्स ई-नीलामी और मांग एकत्रीकरण के उपकरण प्रदान करता है और सरकारी खर्च के लिए सर्वोत्तम मूल्य प्राप्त करता है।
भारत सरकार (व्यापार का आवंटन) नियम-१९६१ में सुधार करते हुए दिनांक ८ दिसंबर २०१७ की अधिसूचना के तहत राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल-सरकार ई-बाज़ार का विकास, संचालन और रख-रखाव को सम्मिलित किया है।
सरकारी उपयोगकर्ताओं को सरकारी ई-बाज़ार के माध्यम से खरीदारियों के लिए अधिकृत किया गया है और वित्त मंत्रालय द्वारा सामान्य वित्तीय नियम-२०१७ में एक नया नियम संख्या १४९ जोड़कर अनिवार्य बना दिया गया है ।
GeM की विशेषताएं क्या हैं ?
1.विक्रेता पंजीकरण, खरीद आदि करने के लिए और भुगतान प्रोसेसिंग में मानव इंटरफेस को समाप्त कर पारदर्शिता लाता है।
2.GeM पूरी तरह से सुरक्षित पोर्टल हैं क्योंकि इसके सभी दस्तावेजों पर खरीदारों और विक्रेताओं द्वारा विभिन्न चरणों में ई-हस्ताक्षर किए जाते हैं।
3.यह पूरी प्रक्रिया के आनलाइन और उचित मूल्यों का पता लगाने के लिए आनलाइन उपकरणों के साथ पूरी तरह एकीकृत होने के कारण GeM पर मिनटों में सीधी खरीद की जा सकती है ।
4.इसके साथ MCA 21, आधार और पैन डाटाबेस के जरिए आपूर्तिकर्ताओं के बारे में जानकारियों का आनलाइन सत्यापन होता है।
5.GeM मेक इन इंडिया और लघु उद्योग द्वारा निर्मित वस्तुओं की खरीदारी को आसान बनाता है।
6.GeM से सामान्य उपयोग की अधिकांश वस्तुओं और सेवाओं के लिए मांग एकत्रीकरण से सरकारी बचत को मदद मिलेगी।
GeM में रजिस्ट्रेशन करने के लिए क्या डाकुमेंट्स होने चाहिए ?
1.आधारकार्ड
2.कम्पनी की पहचान पत्र जिसके लिए आपके पास उद्योग आधार या कम्पनी रजिस्ट्रेशन याफिर LLP रजिस्ट्रेशन होनी चाहिये।
3.GST रजिस्ट्रेशन नंबर
4.आपके बैंक अकाउंट की डिटेल्स और इसी बैंक अकाउंट का कैन्सल चैक (Cancel check)
5.आपकी और आपकी कम्पनी का एड्रेस प्रूफ
GeM पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कैसे करें ?
GeM पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने के लिए सबसे पहले www.gem.gov.in पर जाना होगा । यहाँ जाकर आप साइनअप पर क्लिक करें। साइनअप पर क्लिक करने के बाद आपको Term and Conditions को agree करना होता है ।
(इस Term and Conditions में लिखा होता है कि आप Buyer और Seller के तौर पर बनाए गए कानूनों का पालन करेंगे और साथ ही genuine product बेचेंगे अन्यथा आपके ऊपर कानूनी कार्यवाही की जा सकती है ।)
उसके बाद आपको अपना आधार नम्बर देने के लिए कहा जाएगा । आधार नम्बर देने के बाद आपसे आपकी कम्पनी से जुड़ी Primary Details माँगी जाएगी । उसके बाद आपको डाकुमेंट्स अपलोड करने के लिए कहा जाएगा । इसके बाद आपका आईडी और पासवर्ड बन जाएगा ।
यदि आपकी सारी जानकारियां सही पायी जाती है तो आपका अकाउंट एक्टिव कर लिया जाएगा और आप सक्रियता से GeM पोर्टल को उपयोगकर सकते हैं।
GeM पोर्टल पर क्या सुविधाएं मिली है ?
GeM सरकारी आनलाइन मार्केट प्लेस है जहाँ देश-भर के छोटे और बड़े व्यापारी वस्तुओं और सेवाओं का आसानी से सरकार के साथ आनलाइन व्यापार कर सकते हैं। इसके लिए सरकार ने GeM के तहत अनेक सुविधाएं प्रदान की है–
1.GeM के तहत आम उपभोग की वस्तुओं और सेवाओं को उनके उत्पादों के हिसाब से सूचीबद्ध किया जाता है।
2.वस्तुओं कीमत का वास्तविक आकलन कर उनकी खरीद को सुविधाजनक बनाया जाता है।
3.इसके तहत वस्तुओं और सेवाओं के खरीद के लिए आनलाइन मार्केट प्लेस उपलब्ध है।
4.जहाँ भी जरूरत होगी वहीं वस्तुओं और सेवाओं की आनलाइन खरीदारी सम्भव है।
5.इसमें वस्तुओं की माँग को आसानी से उपलब्ध कराने के लिए Single windows system भी उपलब्ध है।
6.वस्तुओं और सेवाओं की खरीदारी को पारदर्शी और सुविधाजनक बनाना GeM की प्राथमिकता है।
7.GeM के जरिए वस्तुओं और सेवाओं की खरीदारी के लिए नीलामी यानि ई-बिडिंग का प्रयोग कारोबारियों के रेटिंग सिस्टम के अलावा वस्तुओं की आपूर्ति और भुगतानों की खरीद और मानिटरिंग के लिए डैश बोर्ड का भी प्रावधान है।
8.इसके अलावा GeM के तहत कोई भी व्यापारी बिना बिके हुए सामान को वापस भी ले सकते हैं।
9.इसके तहत छोटे से बड़े व्यापारी अपने उत्पादों को आसानी से बेच सकते हैं । इसमें व्यापारियों को अपने सामान की मात्रा, गुणवत्ता और मूल्य की जानकारी सरकार को बताना होता है ।
GeM के माध्यम से खरीदारी कर रहे लोगों की क्या समस्या है ?
1.GeM किसी भी खरीद पोश की जिम्मेदारी अपने ऊपर नहीं लेता है।
2.इस साइट पर उपलब्ध सामान की कीमत और उपलब्धता पर इसे चलाने वाले विभाग DGS & D (Directorate General of Supplies & Disposals ) का कोई नियंत्रण नहीं है।
3.रेट एक सामान नहीं है और उनमें लगातार उतार-चढ़ाव की सम्भावना बनी रहती है।
4.GeM के खरीद के तहत कई अलग-अलग आईडी देनी पड़ती है।
5.इस पोर्टल के वर्जन लॉगिन और बैंडविड्थ को लेकर कई तरह की शिकायतें आती हैं।
6.बेंडर भी अपने उत्पाद लिस्ट करने में दिक्कतों की शिकायतें करते हैं ।
सरकार ने आपके लिए आनलाइन मार्केट GeM क्रियेट किया है जहाँ पर आप अपना प्रोडक्ट, अपनी सर्विसेज सरकार को बेच सकते हैं । GeM पोर्टल को 4 साल पूरे हो चुके हैं और आने वाले समय में भारत सरकार इन्स्योर होना चाहती है कि सभी सरकारी, अर्द्धसरकारी, PSUs सब कुछ इसी पोर्टल के द्वारा पर चेज करें।
चूकि ये पोर्टल Registered Startup और MSME Registered Sellers को सुरक्षा प्रदान करता है ताकि अन्य सेलर की तुलना में Startup को इस पोर्टल की मदद से अपनी सेल बढ़ाने का मौका मिले और जल्दी से जल्दी अपने आपको स्थापित कर सके।
आज हम इस पोस्ट में GeM के बारे में बताएं । यह पोस्ट आपको अच्छी लगी होगी तो कमेंट्स और शेयर अवश्य करें ।