CAA Full Form In Hindi | CAA क्या होता है ?

CAA Full Form – CAA यानि नागरिकता संशोधन अधिनियम एक भारत में भारत के तीन पड़ोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यक को भारतीय नागरिकता देने का कानून है। CAA में 6 गैर मुस्लिम समुदायों हिन्दू, सिख,ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसी से संबंधित अल्पसंख्यक शामिल हैं। CAA पहले CAB (Citizenship Amendment Bill) था फिर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लोकसभा और राज्यसभा से बिल पास होने के बाद इसे मंजूरी दे दी।जिसके बाद ये  CAA (Citizenship Amendment Act ) बन गया। इस नागरिकता संशोधन कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से प्रताड़ित होकर आए हिन्दू, सिख,ईसाई, पारसी, जैन और बौद्ध धर्मावलंबियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी।

CAA का  Full form क्या है?

Contents

CAA का full form Citizenship Amendment Act है तथा हिन्दी में नागरिकता संशोधन अधिनियम होता है।

नागरिकता संशोधन अधिनियम कानून किसकिस पर लागू होगा ?

CAA कानून केवल पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से अपने धर्म की वजह से प्रताड़ित होकर 31/12/2014 तक या उससे पहले भारत आये हिंदू, सिख,ईसाई, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के लोगों के लिए है।

यह कानून मुसलमानों समेत किसी भी विदेशी पर लागू नहीं होगा जो किसी अन्य देश या इन तीन देशों से भारत में आ गए हैं।

क्या इन तीन देशों से अवैध ढंग से निर्वासित मुसलमान CAA के अन्तर्गत आएंगे ?

नहीं। भारत से निर्वासित किए गए किसी भी विदेशी से CAA का कोई सरोकार नहीं है। किसी भी विदेशी चाहे वो किसी भी देश या धर्म का हो,निर्वासन प्रक्रिया विदेशी कानून 1946 अथवा पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) कानून 1920 के अन्तर्गत होती है। ये दोनों कानून सभी विदेशियों के भारत से बाहर जाने पर नजर रखते हैं फिर वे चाहे किसी धर्म या देश के हों।

इसलिए सामान्य निर्वासन की प्रक्रिया सभी अवैध विदेशी पर लागू होती है, जो भारत में रह रहे हैं।

क्या तीनों देशों के अलावा किसी अन्य देश में धर्म के नाम पर अत्याचार सहने वाले,

हिंदुओं पर भी CAA लागू होगा ?

नहीं। CAA एक बहुत विकेंद्रित कानून है, जो विशेष रूप से केवल तीन पड़ोसी देशों से आए 6 अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों के लिए है। किसी भी अन्य देश में किसी भी प्रकार से प्रताड़ित विदेशी भारतीय नागरिकता के रूप में पंजीकरण या देशीकरण के लिए आवेदन कर सकता है,

ठीक वैसे ही जैसे कि अन्य विदेशी करते हैं, वो भी तब जब वे नागरिकता कानून 1955 की सभी शर्तों को पूरा करेंगे।

क्या CAA भारतीय मुसलमानों को भारत की नागरिकता से बाहर कर देगा ?

नहीं। CAA किसी भी हालत में भारतीय नागरिकों पर लागू नहीं होता है। सभी भारतीय नागरिक के भारतीय संविधान के द्वारा दिए गए सभी अधिकार बने रहेंगे। CAA का मकसद किसी भी भारतीय नागरिक की नागरिकता को कम करने का नहीं है, बल्कि एक विशेष कानून है जो कुछ विदेशी लोगों को जो किसी विशेष परिस्थिति के चलते तीन पड़ोसी देशों से भारत आ गए हैं,

उन्हें भारतीय नागरिकता देगा। CAA से मुसलमानों समेत किसी भी भारतीय पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

Citizenship Amendment Act कानून से क्याक्या बदल जाएगा ?

CAA से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हुए हिन्दू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसी शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता मिल जाएगी। इससे पहले इन लोगों को अवैध शरणार्थी माना जाता था।

CAA कानून के तहत इन तीनों पड़ोसी देशों से आए हुए कोई भी हिन्दू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसी नागरिक 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आए हो,उसे अवैध नागरिक नहीं माना जाएगा। पहले भारत की नागरिकता लेने के लिए 11 साल भारत में रहना अनिवार्य होता था, जिसमें इन तीन देशों के 6 धर्म के लोगों के लिए इस अवधि को घटाकर 11 साल से 6 साल कर दिया गया है। यानि कि ये लोग यदि भारत में 6 साल से रह रहे है तो इनको भारत की नागरिकता प्राप्त हो जाएगी।

पहले के कानून के मुताबिक भारत में अवैध तरीके से आए लोगों को,

उनके देश वापस भेजे जाने या हिरासत में लेने का प्रावधान था।

अब नागरिकता संशोधन कानून 2019 के मुताबिक इन तीनों देशों के 6 धर्मों के लोगों के साथ ऐसा नहीं होगा।

साथ ही जो घुसपैठी हैं या अवैध तरीके से भारत में घुसे हैं उन्हें नागरिकता नहीं मिलेगी।

CAA कानून  किसकिस जगह पर लागू नहीं होगा ?

CAA कानून पूरे देश में लागू नहीं हो रहा है। नये नागरिकता कानून को  North East के कई इलाकों में नहीं लागू किया जा सकता है। जिसके दो कारण है

  • North East के कई इलाके इनर लाइन के जरिए सुरक्षित रखे गए हैं। इनर लाइन परमिट एक यात्रा दस्तावेज है जिसे भारत सरकार अपने नागरिकों के लिए जारी की है ताकि वो संरक्षण क्षेत्र में निर्धारित अवधि के लिए यात्रा कर सके। जिसके चलते राज्यों में जाने के लिए भारतीय नागरिकों को भी एक परमिट की जरूरत होती होती है। जिसे इनर लाइन परमिट कहते हैं। इनमें मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश एरिया है जिनमें CAA कानून लागू नहीं हो सकता है।
  • पूर्वोत्तर के कई क्षेत्रों को संविधान की छठवीं अनुसूची में रखा गया है। दरअसल इन इलाकों को विशेष अधिकार प्राप्त है। इन राज्यों में स्वायत्त जिला परिषद है। एक परिषदों को अपने इलाके में कोई कानून लागू करने या ना करने का अधिकार प्राप्त है। ऐसे में नया नागरिकता कानून यहां भी लागू नहीं किया जा सकता है। जिसमें मिजोरम, असम,मेघालय, त्रिपुरा के क्षेत्र शामिल हैं।

 

क्या CAA के बाद  NRC आएगा और मुसलमानों को भारतीय नागरिकता सै बाहर कर दिया जाएगा ?

CAA का NRC से कोई लेना देना नहीं है।

NRC के अन्तर्गत लोगों को भारतीय नागरिकता पाने के लिए पंजीकरण कराना होता है और प्रक्रिया पूरी होने पर ही उन्हें राष्ट्रीय पहचान पत्र प्रदान किया जाता है।

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आज हम इस पोस्ट में  CAA के बारे में पूरी जानकारी देने का प्रयास किए हैं उम्मीद है आपको पसंद आयी होगी।

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