आपने कई बार देखा होगा कि टोल प्लाजा पर लम्बी–लम्बी लाइनें लगी होती है। लोगों के पास बड़ा कैश होता है तो चेन्ज देने में काफी समय लग जाता है और इस तरह से लोगों का काफी समय लग जाता है, जिससे लोगों का काफी समय का नुकसान होता है। इससे निपटने के लिए भारत सरकार ने FASTag कार्ड को लगवाना जरूरी कर दिया गया है। Fastag एक डिवाइस है जिसकी मदद से बिना कैश के ही टोल प्लाजा पर भुगतान कर सकते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में Fastag क्या है ।
Fastag क्या है ?
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Fastag भारत में एक इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह या Electronic toll collection प्रणाली है, जिसे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण( NHAI -National Highway Authority of India) द्वारा संचालित किया जाता है। यह सीधे या सीधे टोल मालिक से जुड़े प्रीपेड या बचत खाते से टोल भुगतान करने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID-Radio Frequency Identification) तकनीकी को नियोजित करता है। इसे वाहन के विंडस्क्रीन पर चिपका दिया जाता है और लेन–देन के लिए रोक के बिना टोल प्लाजा के माध्यम से ड्राइव करने में सक्षम है।
Fastag कहाँ से खरीदे ?
Fastag खरीदने के लिए आप राष्ट्रीय राजमार्ग फीस प्लाजा, डीजनल ट्रांसपोर्ट आफिस, कामन सर्विस सेंटर, ट्रांसपोर्ट हब,बैंकों के ब्रांचों जैसे SBI, Punjab National Bank,HDFC और पेट्रोल पंप के 28000 से ज्यादा “प्वाइंट्स आफ सेल लोकेशन यानि POSL” से लिए जा सकते हैं।
इसके लिए आपको KYC डाकुमेंट,RC पहचान पत्र, पासपोर्ट साइज की फोटो की जरूरत होती है।
Fastag को रीचार्ज कैसे करें ?
भारत सरकार ने 22 बैंक से अनुबंध कर रखा है जिनसे आप फास्टैग लगवा सकते हैं। फास्टैग लगवाने के बाद आपको उसी बैंक से अपना fastag रीचार्ज करना होता है। फास्टैग रीचार्ज करने के लिए किसी भी बैंक में जाने की जरूरत नहीं होती है। इसका आनलाइन ही पोर्टल दिया जाता है।
फास्टैग खरीदते समय वहां पर एक अकाउंट न बनाकर एक वालेट बनाया जाता है। उस वालेट में आप जितना अमाउंट रखते हैं उस अमाउंट का इस्तेमाल कर सकते हैं। रीचार्ज करते हुए यह जरूरी नहीं होता है कि आप उसी अकाउंट से भुगतान करें।
भुगतान करने के लिए आपको एक पेमेंट गेटवे मिलता है जैसे, आप अमेजन, फिल्पकार्ट पर कोई शापिंग करते हैं और आनलाइन पेमेंट करते हैं, उसी तरह फास्टैग में आनलाइन पेमेन्ट करते हैं।
Fastag में क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, इण्टरनेट बैंकिंग के माध्यम से रीचार्ज कर पाते हैं। आप एक बार में 100 रुपये से लेकर 100000 रुपये तक का रीचार्ज कर सकते हैं। इसके अलावा आप SBI , Axis, Punjab National Bank,HDFC जैसे कुछ बड़े बैंकों से भी और पेटिएम के जरिए भी रीचार्ज कर सकते हैं। रीचार्ज 5 साल तक के लिए मान्य होता है।
Fastag कैसे काम करता है ?
टोल प्लाजा पर आटोमेटिक ट्रान्जेक्शन के लिए वाहन के विन्डस्क्रीन फास्टैग लगाया जाता है। इसमें रेडियोफ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन लगा होता है। जैसे ही आपकी गाड़ी टोल प्लाजा के पास जाती हैं तो टोल प्लाजा पर लगा सेंसर आपके गाड़ी में लगा विन्डस्क्रीन में फास्टैग को स्कैन करता है।
इसके बाद फास्टैग अकाउंट से टोल प्लाजा पर लगने वाला शुल्क कट जाता है। fastag अकाउंट से शुल्क कट जाने पर आपको Sms द्वारा नोटिफिकेशन मिल जाती है। फास्टैग की रकम खत्म हो जाने पर उसे रीचार्ज करानी पड़ती है।
Fastag की ज्वाइनिंग फीस कितनी होती है?
बैंक और अन्य एजेंसियाँ 200 रुपये ज्वाइनिंग फीस के रूप में लेती है। इसके अलावा आपको सिक्योरिटी फीस भी देनी होती हैं। यह फीस वाहन के हिसाब से अलग–अलग होती है।
यह सिक्योरिटी फीस रिफंडेबल होता है और जब आप अपना फास्टैग अकाउंट बंद करते हैं तब यह आपको वापस मिल जाती है। Fastag खरीदते समय आपको कम से कम 100 रुपये का रिचार्ज कराना होता है।
Fastag किसके नाम से खरीदना होता है ?
Fastag खरीदने के लिए जो भी RC पर नाम है उसके नाम पर खरीद सकते हैं। यदि आपकी गाड़ी आपके पापा या घर के किसी सदस्य के नाम पर है और आप Fastag को अपने नाम से खरीदना चाहते हैं तो आप खरीद नहीं पाऐंगे। आपका एप्लिकेशन खारिज कर दिया जाएगा।
इसलिए जो भी RC पर नाम है उसी नाम से फास्टैग खरीदना होता है। लेकिन रीचार्ज आप किसी भी माध्यम से कर सकते हैं, उसके लिए आपको पेमेंट गेटवे मिलता है, जैसे आप Amazon, Flipkart पर पेमेंट करते हैं, उसी तरीक़े से आपको पेमेंट गेटवे दिया जाता है, उसी माध्यम से आप भुगतान कर सकते हैं।
Fastag गाड़ी मालिक के नाम से ही परचेज करना होता है।लेकिन रीचार्ज आप किसी भी अकाउंट से कर सकते हैं।
जब हम अपनी गाड़ी बेचते हैं या हमारा fastag चोरी हो जाता है या गुम हो जाता है, तो हमें क्या करना चाहिए ?
यदि आप अपनी गाड़ी बेचते हैं तो इसमें फास्टैग जो होता है यह एक कार्ड होता है। जैसे आप मेट्रो का एक कार्ड खरीदते हैं वैसे ही होता है। आप जब भी चाहे उसका अमाउंट पूरा खर्च कर सकते हैं। अगर आप खर्चा नहीं करते हैं तो उसका refund भी वापस ले सकते हैं। और जो सिक्योरिटी अमाउंट होता है वह भी आपका वापस कर दिया जाता है और जब भी आप अपना गाड़ी बेचते हैं तो आपका Fastag छुड़ाकर कम्पनी को बोलकर अपना रीफन्ड रिक्वेस्ट दे सकते हैं।
Fastag में आप 100 रुपये से 1,00,000 रुपये तक का रीचार्ज कर सकते हैं। यदि आपका फास्टैग चोरी हो जाता है तो उसके लिए जो भी कम्पनी है आप उससे blacklist करवा सकते हैं। जिस भी बैंक का आपका Fastag है, उसको काल करके आप उसको लाक करवा सकते हैं।
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Fastag लगवाने से पहले क्या सावधानियां बरतनी चाहिए ?
भारत सरकार ने 1 दिसम्बर 2019 पर सभी टोल प्लाजा पर fastag अनिवार्य कर दिया है। ऐसे में आप अगर अपने गाड़ियों में fastag नहीं लगवाते हैं तो आपको दोगुना toll tax देना पड़ेगा। फास्टैग का इस्तेमाल आप सही तरीके से नहीं करते हैं तो आपको अधिक नुकसान हो सकता है। fastag इस्तेमाल करते समय हमें निम्न सावधानियां बरतनी चाहिए –
1.आपका जो Fastag कार्ड होता है उसको आप अपने गाड़ी पर सही तरीके से चिपकाए। यदि आप सही से नहीं चिपकाते हैं तो उनका सेंसर स्कैन काम नहीं कर पाता है। आप जब भी फास्टैग को गाड़ी में चिपकाते हैं तो चिपकाते समय उसकी सतह को पहले सही से साफ कर लें और Fastag को अन्दर की तरफ से चिपकाएँ।
Fastag को बाहर की तरफ से नहीं चिपकाएं वरना fastag खराब हो सकता है। आप हमेशा फास्टैग को विन्डस्क्रीन पर बीच में मिरर के पास चिपकाएं।
2.Fastag लगवाने के बाद में आपके Fastag wallet में बैलेंस जरूर होने चाहिए। आप चाहे तो इसका बैलेंस आनलाइन पोर्टल पर जाकर चेक कर सकते हैं। अगर आप Fastag Paytm से आर्डर किए हैं तो Paytm wallet में बैलेंस चेक कर सकते हैं।
यदि आपके Fastag wallet में पैसे नहीं है तो टोल प्लाजा पर आपका ब्लैकलिस्ट बता देता है और वहां पर पेमेंट नहीं हो पाता है और फिर आपसे दोगुना टोल टैक्स लिया जाता है। नये नियम के अनुसार आपका जो भी toll collection होगा वो आनलाइन होगा। यदि आपका पेमेंट नहीं होता है तो आपको दोगुना टोल टैक्स देना ही पड़ता है चाहे आपकी गाड़ी पर Fastag लगा ही क्यों न हो। इसलिए आप अपने fastag wallet को समय –समय पर रिचार्ज करते रहिये।
3.आप जब भी टोल प्लाजा पर जाते हैं तो आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि जब भी आप Fastag lane से गुजरते हैं तो आप आगे वाली गाड़ी से थोड़ा दूरी बना के रखिए क्योंकि कभी–कभी जब आगे वाली गाड़ी की फास्टैग सही से कार्य नहीं कर रहा होता है और आप उसके पीछे लगे होते हैं और उसके नजदीक में जाकर गाड़ी खड़ी करते हैं.
तो उस गाड़ी का fastag कार्य ना करके आपकी गाड़ी का fastag कार्य कर जाता है और स्कैन होने के बाद गेट खुल जाता है जिससे आगे वाली गाड़ी निकल जाती है। उसके बाद आपको नुकसान उठाना पड़ जाता है।
Fastag के फायदे क्या हैं ?
1.ट्रैफिक जाम कम होगा जिससे आपकी समय की बचत होगी।
2.प्लाजा पर होने वाले झगड़ों में कमी आएगी।
3.डिजिटल ट्रान्जेक्शन का बढ़ावा मिलेगा।
4. Fastag lane हमेशा खाली मिलता है जिसमें आपको कोई दिक्कत नहीं होता है।
5.आपको एक्स्ट्रा पैसा नहीं देना पड़ता है ।
6.आपके समय के साथ पेट्रोल की भी बचत होती है क्योंकि आपको अपनी बारी के लिए इंतजार नहीं करना पड़ता है। कभी–कभी टोल प्लाजा पर गाड़ियों की लाइन काफी लम्बी हो जाती है और आपको गाड़ी स्टार्ट रखनी पड़ती है। लेकिन fastag के कारण आपको किसी तरह की दिक्कत नहीं होती है।
7. Fastag पेमेंट करने के लिए कुछ % का कैश बैक भी मिलता है।
8. जब भी आप किसी टोल प्लाजा को पार करेंगे तो उसका sms अलर्ट के द्वारा नोटिफिकेशन आपको मिल जाता है।
9. लेन में वाहनों की लम्बी लाइनें कम होने की वजह से प्रदूषण भी कम होता है।
10.यदि आपकी गाड़ी चोरी हो जाती है और किसी टोल प्लाजा को पार करती है तो उसका नोटिफिकेशन आपको sms के जरिये मिल जाता है।
आज हम इस पोस्ट में फास्टैग के बारे में पूरी जानकारियां देने की कोशिश की है। उम्मीद है आपको यह पोस्ट अच्छी लगी होगी।
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