जब पृथ्वी ,चन्द्रमा और सूर्य के बीच में आती है और सूर्य की पूरी रोशनी चन्द्रमा पर नहीं पड़ती है तो चंद्रग्रहण होता है।
जब पृथ्वी ,चन्द्रमा और सूर्य के बीच में आती है और सूर्य की पूरी रोशनी चन्द्रमा पर नहीं पड़ती है तो चंद्रग्रहण होता है।
चंद्रग्रहण केवल पूर्णिमा पर ही होता है क्योंकि चन्द्रमा की कक्षा पृथ्वी की कक्षा तुलना में थोड़ी अंडाकार है।
चंद्रग्रहण केवल पूर्णिमा पर ही होता है क्योंकि चन्द्रमा की कक्षा पृथ्वी की कक्षा तुलना में थोड़ी अंडाकार है।
एक साल में अधिक से अधिक 3 बार और कम से कम एक बार भी नहीं लग सकता है।
एक साल में अधिक से अधिक 3 बार और कम से कम एक बार भी नहीं लग सकता है।
चंद्रग्रहण तीन तरह के होते है
चंद्रग्रहण तीन तरह के होते है
पूर्ण चंद्रग्रहण
पूर्ण चंद्रग्रहण
जब पृथ्वी चन्द्रमा को पूरी तरह से ढक लेती है तो उस समय पूर्ण चंद्रग्रहण होता है ।
जब पृथ्वी चन्द्रमा को पूरी तरह से ढक लेती है तो उस समय पूर्ण चंद्रग्रहण होता है ।
आंशिक चंद्रग्रहण
आंशिक चंद्रग्रहण
पृथ्वी की छाया सूर्य और चन्द्रमा के खंड पर ही पड़ती है ,तो आंशिक चंद्रग्रहण होता है।
पृथ्वी की छाया सूर्य और चन्द्रमा के खंड पर ही पड़ती है ,तो आंशिक चंद्रग्रहण होता है।
उपछाया चंद्रग्रहण
उपछाया चंद्रग्रहण
चन्द्रमा की छोटी सी सतह पर पृथ्वी के बीच के हिस्से से पड़ने वाली छाया नहीं पड़ती है तथा बाकी हिस्से में पृथ्वी के बाहरी हिस्से की छाया पड़ती है तो उपछाया ग्रहण होता है।
चन्द्रमा की छोटी सी सतह पर पृथ्वी के बीच के हिस्से से पड़ने वाली छाया नहीं पड़ती है तथा बाकी हिस्से में पृथ्वी के बाहरी हिस्से की छाया पड़ती है तो उपछाया ग्रहण होता है।