आज कल हर कोई जल्दी-जल्दी पैसा कमाना चाहता है और पैसा जल्दी-जल्दी कमाने के चक्कर में नुकसान भी हो जाता है। लोगों को पता नहीं होता है कि पैसा कहां इन्वेस्ट करें जिससे उनका फायदे के साथ-साथ नुकसान भी हो जाता है। मार्केट में दो तरह के लोग होते हैं Traders और Investors।
जो लोग ट्रेडिंग करते हैं उन्हें ट्रेडर कहते हैं और जो लोग Investing करते हैं उन्हें Investor कहते हैं। Trading में जल्दी-जल्दी शेयर्स खरीदा और बेचा जाता है। Investing में शेयर्स खरीदकर लम्बे समय तक होल्ड कर दिया जाता है। आज हम इस पोस्ट में जानेंगे कि Trading और Investing क्या है ?, Trading और Investing में क्या अंतर है ? तो आइए जानते हैं Trading और Investing के बारें में-
Trading क्या है ?
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Trading को हिन्दी में व्यापार कहते हैं, व्यापार यानि एक वस्तु का दूसरे के लिए आदान-प्रदान, जिसका मतलब किसी चीज को खरीदना और उसे बढ़े हुए दाम पर बेचना जिससे कि आपको लाभ हो सके। उसी प्रकार Stock market में शेयर को खरीदना और जैसे ही उस शेयर का दाम बढ़े उसे बेचकर लाभ प्राप्त करने को ही Stock market में ट्रेडिंग कहते हैं। ट्रेडिंग Short Term Profit के लिए किया जाता है।
जो लोग ट्रेडिंग करते हैं उसे ट्रेडर कहा जाता है। ट्रेडर स्टाक की Price की Movement से पैसा बनाने की कोशिश करते हैं। ट्रेडर अपने Analysis के लिए Technical Analysis का प्रयोग करते है। Technical Analysis में Price और Volume के चार्ट की स्टडी किया जाता है। चार्ट शेयर की Price और Volume के उतार-चढा़व को दिखाता है। चार्ट के जरिए शेयर की चाल का अनुमान लगाया जाता है।
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ट्रेडिंग कितने तरह का होता है ?
1.Scalping Trading–
इस तरह के ट्रेडिंग में हम शेयर्स कुछ मिनट के लिए खरीदते हैं और जैसे ही Price थोड़ी सी बढ़ती है हम उसे बेचकर Profit कमा लेते हैं। इस तरह के ट्रेडिंग में जोखिम सबसे ज्यादा होता है। Example – अगर हम एक कम्पनी के 10,000 शेयर्स 100 रुपये की Price पर खरीदे और कुछ मिनट बाद जब शेयर्स की Price 100 रुपये से बढ़कर 150 रुपये हो जाए तो उसे बेचकर 5000 रुपये का लाभ कमा सकते हैं।
2.Intraday Trading –
ऐसे ट्रेड जिन्हें एक दिन के अंतराल या कुछ घंटों में ही पूरा कर लिया जाता है, Intraday Trading कहलाता है। जिसमें निवेशक शेयर्स खरीदता है और फिर शाम तक उसे बेच देता है । मार्केट में Intraday Trading करने का समय सुबह 9: 15 बजे से लेकर शाम 3:30 बजे तक का होता है।
3.Swing Trading-
ऐसे ट्रेड जिन्हें आप कुछ दिनों में ही पूराकर लिया जाता है, Swing Trading कहलाते हैं। Swing Trading में आप Overnight Position लेकर जा सकते हैं लेकिन Scalping और Intraday Trading में आप ऐसा नहीं कर सकते। इसमें Scalping और Intraday Trading के मुकाबले कम जोखिम होता है। इसमें निवेशक कुछ दिन में बेचकर के उसको लाभ में बदल देता है ।
4.Position Trading –
इस ट्रेडिंग के अंदर किसी शेयर को कुछ हफ्तों से लेकर कुछ महीनों या एक साल के अंदर बेच दिया जाता है, Position Trading कहलाता है। इसमें Stock Price के अंदर जो लम्बा समय आता है उसका फायदा उठाकर Profit कमाया जाता है।
Investing क्या है ?
Investing का अर्थ अपने पैसों को ऐसी जगह लगाना जिससे कि हमें भविष्य में लगाये हुए पैसों से अधिक पैसे मिल सके। जैसे– यदि हम किसी कम्पनी के शेयर में 1 लाख रुपये निवेश करते हैं और भविष्य में हमारे निवेश किये हुए पैसे का मूल्य बढ़कर 1 लाख 40 हजार हो जाता है तो 1 लाख के निवेश पर 40 हजार का लाभ प्राप्त हो जाता है।
निवेश में जोखिम कम है और सुरक्षा ज्यादा होता है। इसमें जितना रिस्क उतना ही फायदा होता है। यानि कम रिस्क में कम फायदा होता है और अधिक रिस्क पर अधिक फायदा होता है।
Investing में long term के लिए अथवा एक साल या एक साल से ज्यादा के लिए निवेश किया जाता है। जो लोग Investing करते हैं, उसे Investors कहते हैं। Investors अपने Analysis के लिए Fundamental Analysis का प्रयोग करते हैं। Fundamental Analysis में कम्पनी का फाइनेंशियल डाटा और कारोबार का विश्लेषण किया जाता है। इसमें कम्पनी के फाइनेंस, बैलेंस शीट, रेसियो, काम-काज, सेक्टर और मैनेजमेंट का स्टडी किया जाता है। Fundamental ज्ञान के जरिये किसी कम्पनी और शेयर के भविष्य को समझते हैं।
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Trading और Investing में अंतर–
1.Trading में short term (मिनट, घंटा, दिन या कुछ समय) या कम समय में पैसा बनाने के लिए किया जाता है।
जबकि Investing में long term जैसे- 1 साल, 5 साल ,10 साल के लिए निवेश किया जाता है। इसमें धैर्य रखना पड़ता है ।
2.यदि हम किसी कम्पनी को स्टडी करके उसके बिजनेस को समझकर और यह सोचकर Buy करते हैं कि कम्पनी लम्बे समय में ग्रो करेगी तो Investing कहलाता है।
वहीं यदि हम किसी कम्पनी के शेयर्स बिना कम्पनी को स्टडी किये केवल Price के Pattern को देखकर Buy करते हैं ताकि जैसे ही Price बढ़े हम उसे बेचकर लाभ कमा लें, Trading कहलाता है।
3.Trading में शेयर्स Short term के लिए होल्ड किया जाता है और पैसे भी बहुत जल्दी बन जाते हैं पर रिस्क थोड़ा ज्यादा होता है क्योंकि Price की Movement Short term में Randam होती है।
जबकि Investing में शेयर्स long term के लिए होल्ड किया जाता है और इसमें पैसे लम्बे समय तक बनते हैं पर रिस्क कम होता है क्योंकि इसमें अच्छे शेयर्स को खरीदा जाता है।
4.Trading में जब भी पैसा किसी शेयर्स में डाला जाता है तो उसकी Volume और Price देख के डालते हैं क्योंकि यह केवल Price Movement पर काम करता है। जैसे ही Price बढ़ती है उस शेयर्स को बेचकर लाभ कमा सकते हैं।
जबकि Investing में ध्यान से अच्छी कम्पनियों के शेयर्स को Buy करते हैं क्योंकि Investment में कम्पनियों के शेयर्स को लम्बे समय तक होल्ड करते हैं और long term में Stock price कम्पनी के ग्रोथ को फालो करते है।
5.Trading में Trader अपने Analysis के लिए Technical Analysis का प्रयोग करते हैं ।
जबकि Investing में Investors अपने Analysis के लिए Fundamental Analysis का प्रयोग करते हैं।
6.Trading में शेयर्स को कम समय के लिए होल्ड किया जाता है। अगर आप एक साल से कम समय के लिए शेयर्स को होल्ड करते हैं तो आपको Profit पर Short term Capital Gain Tax लगेगा। लेकिन आप Intraday Trading करते हैं तो आपको Profit पर अपने Tax Slab के अनुसार Tax देना होगा। उदाहरण के लिए अगर आप 20% Tax Slab में आते हैं तो आपको अपने Profit पर 20% Tax देना होता है।
जबकि Investors Stocks को कई साल तक होल्ड करते हैं। अगर आप शेयर्स को 1 साल से ज्यादा समय तक होल्ड करते हैं तो आपको Capital gain Tax से छुट मिलती है।
आज हम इस पोस्ट में बताये कि Trading और Investing क्या है ?और इनमें क्या अंतर है? उम्मीद है ये पोस्ट आपको अच्छी लगी होगी। यदि आप इससे सम्बन्धित कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो कम्मेंट के द्वारा पूछ सकते हैं।